जब चार्ल्स डिकन्स की कहानी ए क्रिसमस कैरल आरंभ होती है, एबेनेज़र सक्रूज़ भ्रमित है l वह इतना अनुदार-भाव से भरा हुआ क्यों है? वह इतना स्वार्थी कैसे बन गया? तब ही, धीरे से, जब क्रिसमस का उत्साह सक्रूज़ की अपनी कहानी से गुजरता है, बातें और स्पष्ट हो जाती हैं l हम उन प्रभावों को देखते हैं जिसके कारण वह आनंदित युवा से स्वार्थी कंजूस बन गया l हम उसके अकेलेपन और टूटेपन को देखते हैं l जैसे-जैसे रहस्य खुलता है, हम पुनः स्थापन की झलक भी देखते हैं l परहित दिलचस्पी सक्रूज़ को आत्म-केन्द्रित अन्धकार से एक नए आनंद में ले आता है l

और एक महत्वपूर्ण, और समझाने में कठिन रहस्य, वह है जो पौलुस 1 तीमुथियुस 3:16 में बताता है : “इसमें संदेह नहीं की भक्ति का भेद गंभीर है, अर्थात्, वह जो शरीर में प्रगट हुआ, आत्मा में धर्मी ठहरा, स्वर्गदूतों को दिखाई दिया, अन्यजातियों में उसका प्रचार हुआ, जगत में उस पर विश्वास किया गया, और महिमा में ऊपर उठाया गया l” असाधारण! परमेश्वर “शरीर में प्रगट हुआ l”

क्रिसमस का रहस्य है, पूर्ण परमेश्वर रहते हुए परमेश्वर मनुष्य कैसे बन सका l यह मानवीय समझ को चुनौति देता है, किन्तु परमेश्वर की सिद्ध बुद्धिमत्ता में, यह युगों से बनी योजना थी l

“यह कैसा बालक है?” वह यीशु मसीह है – शरीर में प्रगट परमेश्वर l