जब हम कोई भंगुर उपहार देते हैं, हम यह निश्चित करते हैं कि उसके डिब्बे पर शब्द भंगुर(FRAGILE) बड़े अक्षरों में अंकित है क्योंकि हम उसे नुक्सान से बचाना चाहते हैं l

परमेश्वर का उपहार हमारे पास सबसे भंगुर पैकज(सम्पुष्टि) में पहुँचा : एक बालक l कभी-कभी हम क्रिसमस के दिन को पोस्टकार्ड पर एक सुनकर दृश्य के रूप में कल्पना करते है, किन्तु कोई भी माँ कह सकती है कि ऐसा नहीं था l मरियम थकी हुई थी, संभवतः असुरक्षित l वह उसका पहला शिशु था, और सबसे अस्वास्थ्यकर स्थिति में जन्मा था l उसने “उसे कपड़े में लपेटकर चरनी में रखा: क्योंकि उनके लिए सराए में जगह न थी” (लूका 2:7) l

एक बच्चे को निरंतर देखभाल चाहिए l बच्चे रोते हैं, खाते हैं, सोते हैं, और अपने देखभाल करनेवाले पर निर्भर रहते हैं l वे निर्णय नहीं ले सकते l मरियम के समय में, शिशु मृत्यु दर ऊँची थी, और अक्सर प्रसव के समय माताओं की मृत्यु हो जाती थी l

परमेश्वर ने अपने बेटे को इस पृथ्वी पर भेजने का इतना भंगुर मार्ग क्यों चुना? क्योंकि यीशु को हमारे सामान होना था हमें बचाने के लिए l परमेश्वर का महानतम् उपहार बच्चे के एक भंगुर शरीर में आया, किन्तु परमेश्वर ने जोखिम उठाया क्योंकि वह हमसे प्रेम करता है l आइये आज हम इस उपहार के लिए धन्यवाद दें!