जनवरी 28, 1986 में, मौसम-सम्बन्धी पांच विलम्ब पश्चात्, अन्तरिक्ष यान चैलेंजर कानफोडू आवाज़ और ज्वाला के मध्य आसमान की ओर चला l केवल 73 सेकंड पश्चात्, यान टुकड़े-टुकड़े हो गया, और चालक दल के सभी सात सदस्य मारे गए l

यह महा दुर्घटना ओ-रिंग सील के टूटने से हुआ l अंतरंगी इस घातक चूक को “go fever कहते हैं -एक श्रेष्ठ लक्ष्य की तेज़ दौड़ में महत्वपूर्ण सावधानियों को नज़रंदाज़ करना l
हमारा महत्वकांक्षी मानवीय स्वभाव अनवरत् हमसे अविवेचित चुनाव करवाता है l फिर भी डर हमें अत्यधिक सजग बना सकता है l प्राचीन इसरायली इन दोनों भावों को दर्शाए थे l जब 12 भेदिये प्रतिज्ञात देश का भेद लेकर लौटे, 12 में से 10 ने बाधाएं देखीं (गिनती 13:26-33) l “उन लोगों पर चढ़ने की शक्ति हम में नहीं है,” उन्होंने कहा (पद. 31) l प्रभु के संग एक भयानक विद्रोह के कारण दसों भेदियों के मारे जाने पर, लोगों को go fever हो गया l उन्होंने कहा, “हम … उस स्थान को जाएँगे जिसके विषय यहोवा ने वचन दिया था” (14:40) l परमेश्वर बिना, असामयिक आक्रमण बुरी तरह से असफल रहा (पद.41-45) l

प्रभु से अपनी निगाहें फेरने पर, हम दो में से एक ओर गिरेंगे l हम उसके बिना अधीरता से आगे भागेंगे, या भयभीत हो दुबककर शिकायत करेंगे l उस पर केन्द्रित रहने से उसकी बुद्धिमत्ता से पूर्ण साहस मिलती है l