ट्रिस्टन डा कुन्हा द्वीप अपनी एकान्तता के लिए प्रसिद्ध है l यह संसार का सबसे दुरस्त बसा हुआ द्वीप है, उसे घर कहने वाले उन 288 लोगों को धन्यवाद l यह द्वीप दक्षिणी अटलांटिक महासागर में स्थित है, दक्षिणी अफ्रीका से 1,750 मील दूर-जो निकटतम मुख्य भू-भाग है l हवाई पट्टी नहीं होने के कारण किसी को भी उस द्वीप पर जाने हेतु नाव से सात दिन लगेंगे l

यीशु अपने अनुयायियों के संग एक निर्जन स्थान में था जब उसने हजारों भूखे लोगों को आश्चर्जनक भोजन खिलाया l आश्चर्यकर्म से पूर्व उसने शिष्यों से कहा, “[ये लोग] तीन दिन से बराबर मेरे साथ हैं, और उनके पास कुछ भी खाने को नहीं है l यदि मैं उन्हें भूखा घर भेज दूँ, तो मार्ग में थक कर रह जाएँगे” (मरकुस 8:2-3) l निर्जन स्थान में होने के कारण भोजन सरलता से उपलब्ध नहीं था,वे पूरी तरह यीशु पर निर्भर थे l वे कहीं नहीं जा सकते थे l

कभी-कभी परमेश्वर हमें एकांत स्थान में ले जाता है जहाँ केवल वही हमारी सहायता है l उसकी प्रावधान करने की सामर्थ्य हमारी परिस्थिति पर निर्भर नहीं है l कुछ नहीं से सब कुछ बनानेवाला, परमेश्वर ज़रूर हमारी ज़रूरतें पूरी करेगा-स्थिति जो भी हो-अपनी महिमा के धनानुसार, मसीह यीशु में (फ़िलि. 4:19) l