न्यूयॉर्क में एक सुगन्ध/इत्र बनानेवाली का दावा है कि वह इत्रों का मिश्रण पहचानकर इत्र बनानेवाले का नाम भी बता सकती है l एक बार सूंघ कर बता सकती है, “यह जेनी ने बनाया है l”

कुरिन्थुस में मसीही विश्वासियों को लिखते हुए, पौलुस ने एक समय एक उदहारण उपयोग किया जो उनको एक जीते हुए नगर में विजयी रोमी सेना के धूप/लोबान जलाने की याद दिला सकता था (2 कुरिं. 2:14) l सेनापति आगे होता था, जिसके पीछे सेना और तब पराजित सेना l रोमियों के लिए, धूप/लोबान का अर्थ विजय था; कैदियों के लिए मृत्यु थी l

पौलुस ने कहा हम परमेश्वर के लिए पाप पर मसीह की विजय सुगंध हैं l परमेश्वर ने स्वयं हममें मसीह की सुगंध डाली है कि हम प्रशंसा की मीठी-सुगंध बलिदान बन जाएँ l परन्तु हमारा जीवन कैसा हो कि हम दूसरों के समक्ष सुखद सुगंध बन जाएँ? हम उदारता और प्रेम दर्शा सकते हैं, और दूसरों को सुसमाचार बाँट सकते हैं, कि उनको उद्धार मिले l हम पवित्र आत्मा को हमारे द्वारा उसका प्रेम, आनंद, और दयालुता का वरदान प्रकट करने की अनुमति दे सकते हैं (गला.5:22-23) l

क्या दुसरे हमें देखकर कह सकते हैं, “यह यीशु का कार्य हैं”? l क्या हम उसके सुगंध को हमारे द्वारा फ़ैलाकर दूसरों को उसके विषय बताने की अनुमति देते हैं? वह एकमात्र सुगंद/इत्र बनाने वाला है-सबसे उत्कृष्ट सुगंध जो कभी होगी l