टेक्सास एएंडएम यूनिवर्सिटी फूटबाल स्टेडियम में एक बड़ा संकेत है “12 वाँ व्यक्ति का घर l” जबकि हर टीम से ग्यारह खिलाड़ी मैदान में अनुमत हैं, हजारों एएंडएम विद्यार्थियों की भीड़ में 12 वाँ व्यक्ति वह उपस्थिति है जो सम्पूर्ण खेल में अपनी टीम को उत्साहित करने को खड़े रहते हैं l परंपरा की जड़ें 1922 में है जब कोच ने दीर्घा से एक विद्यार्थी को एक घायल खिलाड़ी का स्थान लेने हेतू तैयार रहने को कहा l यद्यपि वह खेल कभी नहीं खेला, साइडलाइन पर उसकी इच्छित उपस्थिति से टीम अत्याधिक उत्साहित हुई l

इब्रानियों 11 विश्वास के नायकों का वर्णन करती है जिन्होंने बड़े आजमाइशों का सामना करके भी परमेश्वर के प्रति वफ़ादार रहे l अध्याय 12 आरंभ होता है, “इस कारण जब कि गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है, तो आओ, हर एक रोकनेवाली वस्तु और उलझानेवाले पाप को दूर करके, वह दौड़ जिसमें हमें दौड़ना है धीरज से दौड़ें” (पद.1) l

हम अपने विश्वास यात्रा में अकेले नहीं हैं l प्रभु के प्रति विश्वासयोग्य रह चुके महान संत और साधारण लोग हमें अपने उदहारण और स्वर्ग में अपनी उपस्थिति द्वारा उत्साहित करते हैं l जब तक हम मैदान में हैं वे हमारे लिए खड़े रहनेवाले 12 वाँ आत्मिक व्यक्ति हैं l

“विश्वास के कर्ता,” यीशु पर अपनी दृष्टि लगाकर (12:2), हम उनके द्वारा प्रोत्साहित हैं जो उसके पीछे चले l