मेरी पूर्वस्कूली नातिन मैगी और उसकी KG क्लास में पढ़नेवाली बहन केटी घर के पीछे कम्बल तम्बू बनाकर खेलने के लिए अनेक कम्बल ले गए l दोनों कुछ समय तक बाहर थे जब माँ ने मैगी को उसे बुलाते सुना l

“माँ, जल्दी आइये!” मैगी चिल्लाई l “मैं यीशु को अपने हृदय में बुलाना चाहती हूँ, और मुझे आपकी सहायता चाहिए l प्रत्यक्ष तौर पर उसने अपने जीवन में यीशु की ज़रूरत महसूस किया, और वह उसमें विश्वास करने को तैयार थी l

मैगी का यीशु पर भरोसा हेतु सहायता माँगना 2 कुरिन्थियों 6 में उद्धार के लिए पौलुस के शब्द याद दिलाते हैं l वह यीशु मसीह की-मृत्यु और पुनरुत्थान के साथ-उसके आने की सत्यता पर चर्चा कर रहा था, एक युग का आरंभ जिसे वह “[परमेश्वर की प्रसन्नता का समय” कहता है l हम ऐसे ही युग में रहते हैं, उद्धार अभी उपलब्ध है l उसने कहा, “देखो, अभी वह प्रसन्नता का समय है; देखो, अभी वह उद्धार का दिन है” (पद.2) l यीशु से क्षमा प्राप्ति हेतु विश्वास नहीं करनेवाले हर एक के लिए ऐसा करने का समय अभी है l यह अत्यावश्यक है l

शायद पवित्र आत्मा ने यीशु में विश्वास करने हेतु आपकी ज़रूरत आपको बता दी है l मैगी की तरह, इसे दूर न करें l यीशु के पास जाएं l आज वह दिन है!