अमरीका में क्रिसमस के बाद के सप्ताह वर्ष का सबसे व्यस्त समय व्यवसाय के पुनः आरंभ होने का समय जब लोग अनचाहे उपहारों का लेन-देन वास्तविक ज़रुरतों की वस्तुओं से करते हैं l फिर भी शायद आप पूर्ण उपहार देनेवालों को जानते होंगे l उनको कैसे मालूम दूसरे व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण और अवसर के लिए उचित क्या है? सही उपहार देना दूसरों को सुनने और व्यक्ति की रुचि जानने से होती है कि वह किसमें आनंदित और प्रसन्नचित होते हैं l
यह परिवार और मित्रों के साथ सही है l किन्तु परमेश्वर के साथ क्या? क्या परमेश्वर को भेट करने के लिए कुछ अर्थपूर्ण और विशेष है? क्या कुछ है जो उसके पास नहीं है?
रोमियों 11:33-36, परमेश्वर की महान बुद्धिमत्ता, ज्ञान, और महिमा के लिए प्रशंसा के गीत पश्चात उसके प्रति हमारे समर्पण की बुलाहट है l ”इसलिए हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर विनती करता हूँ कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान करके चढ़ाओ l यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है” (पद. 12:1) l अपने चारों ओर के संसार के सदृश न बनकर, हमारे “मन के नए हो जाने से [हमारा] चालचलन भी बदलता जाए” (पद.2) l
आज हम कौन सा सर्वोत्तम उपहार परमेश्वर को दे सकते हैं? हम धन्यवाद, दीनता, और प्रेम में सम्पूर्ण रूप से अपने को दें-हृदय,मन,और इच्छा l प्रभु यही हमसे चाहता है l
हमारा खुद को देना ही परमेश्वर के लिए सर्वोत्तम है l