2015 में एक अंतर्राष्ट्रीय शोध कंपनी का कथन था कि पूरे विश्व में दो करोड़ पैंतालिस लाख निगरानी कैमरे लगे हुए हैं, और इनकी संख्या प्रतिवर्ष 15 फीसदी की दर से बढ़ रहा है l इसके अलावा, करोड़ों लोग अपने स्मार्टफोन से हर दिन, जन्मदिन उत्सव से लेकर बैंक डकैती तक की तस्वीर खींचते हैं l चाहे हम बढ़ी हुई सुरक्षा की सराहना करें या क्षीण एकान्तता की निंदा करें, हम वैश्विक, कैमरा-सर्वत्र समाज में रहते हैं l

नये नियम की पुस्तक इब्रानियों के अनुसार परमेश्वर के साथ हमारे सम्बन्ध में, हम कैमरे की आँख की चौकसी की तुलना में खुलासा और जबाबदेही का बृहद स्तर अनुभव करते हैं l दो धारी तलवार की तरह, उसका वचन, हमारे व्यक्तित्व के गहराई को बेधता है जहाँ वह “मन की भावनाओं और विचारों को जाँचता है l सृष्टि की कोई वस्तु उससे छिपी नहीं है वरन् जिस से हमें काम है, उसकी आँखों के सामने सब वस्तुएँ खुली और प्रगट हैं” (इब्रा. 4:12-13) l

क्योंकि हमारा उद्धारकर्ता यीशु बिना पाप किये हमारी निर्बलताओं और परीक्षाओं का अनुभव किया, हम “अनुग्रह के सिंहासन के निकट हियाव बांधकर चलें कि हम पर दया हो, और वह अनुग्रह पाएँ जो आवश्यकता के समय हमारी सहायता करे” (पद. 15-16) l हमें उससे डरने की ज़रूरत नहीं किन्तु उसके निकट आने पर अनुग्रह हेतु आश्वस्त रहें l