कई वर्ष पूर्व मेरा मित्र और मैं ऊदबिलाव वाले तालाब में लगातार मछली पकड़ रहे थे जब बारिश शुरू हुई l हम निकट के सफ़ेद पीपल के पेड़ के जंगल में छिपने गए किन्तु बारिश होती रही l उन पेड़ों के हिलते पत्ते आवाज़ कर रहे थे l इसलिए हम उस स्थान को छोड़कर गुज़रते ट्रक को पुकारा l ट्रक का दरवाजा खोलते समय, आवाज़ के साथ बिजली उन पेड़ों पर गिरी जिससे उनके पत्ते और छाल निकल गए, और कुछेक डालियाँ सुलगती रहीं l और  तब शांति हो गई l

हम विचलित हुए और डर गए l

हमारे आइडहो घाटी में बिजली चमकती है और गर्जना होता है l बाल-बाल बचने पर भी- मुझे पसंद है l मुझे यह प्राकृतिक शक्ति पसंद है l वोल्टेज! टकराव! आश्चर्य और विस्मय! पृथ्वी और जो कुछ उसमें है थरथराती है और कांपती है l और फिर शांति l

मुझे बिजली और गर्जन पसंद है क्योंकि ये परमेश्वर की आवाज़ के संकेत हैं (अय्यूब 37:4), वचन द्वारा विस्मयकारक, प्रबल आवाज़ में बोलना l “यहोवा की वाणी आग की लपटों को चीरती है … यहोवा अपने प्रजा को बल देगा; यहोवा अपनी प्रजा को शांति की आशीष देगा” भजन 29:7,11) l वह हमें सहने की, धीरज धरने की, दयालुता की, शांत रहने की, उठकर जाने की, और कुछ हानि नहीं करने की शक्ति देगा l

शांति का परमेश्वर आपके साथ हो l