दादा-दादी पैसे वाले नहीं थे, फिर भी प्रत्येक क्रिसमस को मेरे चचेरे भाई-बहन और मेरे लिए यादगार बनाते थे l हमेशा ढेर सारा भोजन, आनंद, और प्रेम होता था l और बचपन से ही हमनें सीखा था कि मसीह ही उत्सव को संभव बनाता है l

हम ऐसी ही विरासत अपने बच्चों के लिए छोड़ना चाहते हैं l जब पिछला क्रिसमस मनाने के लिए परिवार इकट्ठा हुआ, हमने जाना कि यह अद्भुत परंपरा दादा-दादी ने आरंभ की थी l उन्होंने हमारे साथ रुपये पैसे की विरासत नहीं छोड़ी, किन्तु वे प्रेम, आदर, और विश्वास के बीज बोने में सावधान थे ताकि हम-उनके नाती-पोते-उनके नमूने की नक्ल कर सकें l

हम बाइबिल में नानी लोइस, और माँ यूनीके के विषय पढ़ते है, जिन्होंने तीमुथियुस के साथ असली विश्वास बाँटा (2 तीमु. 1:5) l इस प्रभाव ने उसको बहुतों के साथ सुसमाचार बांटने हेतु तैयार किया l

हम परमेश्वर के साथ निकट सम्बन्ध रखकर जीवन बिताते हुए हमारे द्वारा प्रभावित  जीवनों के लिए एक आत्मिक विरासत तैयार कर सकते हैं l व्यवहारिक तरीकों से, दूसरों के प्रति  अविभाजित ध्यान देकर, उनकी सोच और काम में रूचि दिखाकर, और उनके संग जीवन जीकर  प्रेम को वास्तविक बनाते हैं l हम उनको अपने उत्सवों में भी बुलाएं! हमारे जीवनों द्वारा परमेश्वर के प्रेम की सच्चाई दिखाने के द्वारा, हम दूसरों के लिए स्थायी विरासत छोड़ते हैं l