पिछली सर्दियों में कोलोराडो में एक प्राकृतिक अजायबघर घूमते समय, मैंने सफ़ेद पीपल[Aspen] वृक्ष की कुछ अनूठी बातें सीखीं l छरहरे, सफ़ेद धड़ वाले सफ़ेद पीपल का एक उपवन एक बीज से उग सकता है और सबकी जड़ प्रणाली एक ही हो सकती है l इनसे वृक्ष उगे अथवा नहीं, ये हज़ारों वर्षों तक छायादार जंगल में भूमि के नीचे शांत रहकर अग्नि, बाढ़, अथवा हिमस्खलन द्वारा अपने लिए जगह साफ़ होने का इंतज़ार करते हैं l प्राकृतिक आपदा से भूमि साफ़ होने के बाद, आखिरकार सूर्य की रोशनी से सफ़ेद पीपल की जड़ों से अंकुर निकलकर वृक्ष बनते हैं l
प्राकृतिक आपदा का विनाश ही सफ़ेद पीपल के लिए नया जन्म संभव करता है l याकूब लिखता है कि कठिनाई ही हमारे विश्वास की उन्नत्ति करता है l “जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो, तो इसको पुरे आनंद की बात समझो, यह जानकार कि तुम्हारे विश्वास के परखे जाने से धीरज उत्पन्न होता है l पर धीरज को अपना पूरा काम करने दो कि तुम पूरे और सिद्ध हो जाओ, और तुम में किसी बात की घटी न रहे” (याकूब 1:2-4) l
परीक्षाओं में आनंद कठिन है, किन्तु हम इस वास्तविकता से आशा प्राप्त करते हैं कि परमेश्वर हमें कठिन स्थितियों द्वारा सिद्ध बनाएगा l सफ़ेद पीपल की तरह, विश्वास परीक्षाओं में उन्नत्ति करता है जब परमेश्वर की ज्योति के स्पर्श हेतु कठिनाई हमारे हृदयों में जगह तैयार करती है l
परीक्षा और जाँच हमें मसीह के निकट पहुँचाती हैं l