मैं अपनी सहेली के भाई की मृत्यु के समय उसके खाट के निकट बैठना नहीं भूल सकती; साधारण से असाधारण की मुलाकात का दृश्य l हम तीनों बैठे थे जब हमने रिचर्ड को कठिनाई से श्वास लेते देखा l हम उसके चारों ओर खड़े होकर, देखते और इंतज़ार करते हुए प्रार्थना करते रहे l जब उसने अंतिम श्वास ली, पवित्र क्षण सा महसूस हुआ; एक चालीस वर्ष के एक अद्भुत व्यक्ति की मृत्यु के समय परमेश्वर की उपस्थिति ने हमें हमारे दुःख में घेर लिया l

हमारे विश्वास के अनेक नायकों ने अपनी मृत्यु के समय परमेश्वर की विश्वासयोग्यता का अनुभव किया l जैसे, याकूब ने कहा कि वह जल्द ही “अपने लोगों के साथ मिलने पर” है (उत्प. 49:29-33) l याकूब का पुत्र युसूफ भी अपने भाइयों को अपनी निकट मृत्यु बताया : “मैं तो मरने पर हूँ,” और उनसे अपने विश्वास में दृढ़ रहने को कहा l उसने शांति का अनुभय किया, फिर भी अपने भाइयों से प्रभु पर भरोसा रखने को कहा (50:24) l

हममें से कोई भी अपनी मृत्यु का समय अथवा कारण नहीं जानते हैं, किन्तु उसके हमारे साथ रहने के लिए मदद और भरोसा रखें l हम यीशु की प्रतिज्ञा पर विश्वास करें कि वह पिता के घर में हमारे लिए रहने का एक स्थान तैयार करेगा (यूहन्ना 14:2-3) l