हाल ही में अनेक तकलीफों से गुज़र चुकी मेरी सहेली ने लिखा, “अपने विद्यार्थी जीवन के पिछले चार टर्म में अनेक बातें बदली हैं … डरावनी हैं, वास्तव में डरावनी l कुछ भी स्थायी नहीं l”

वास्तव में, दो वर्षों में बहुत कुछ हो सकता है-जीविका परिवर्तन, नए मित्र, बीमारी, मृत्यु l अच्छा या बुरा, जीवन में परिवर्तन का अनुभव निकट घात लगाए है! हम बिल्कुल नहीं जानते l यह जानना कितना सुखकर है कि हमारा प्रेमी स्वर्गिक पिता अपरिवर्तनीय है l

भजनकार कहता है, “तू वही है, और तेरे वर्षों का अंत नहीं होने का” (भजन 102:27) l यह असीम सच है l अर्थात् परमेश्वर सर्वदा  प्रेमी, न्यायी, और बुद्धिमान है l बाइबिल शिक्षक आर्थर डब्ल्यू. पिंक, अद्भुत तरीके से बताते हैं : सृष्टि के अस्तित्व से पूर्व परमेश्वर के गुण, अभी भी हैं, और हमेशा रहेंगे l”

नए नियम में याकूब लिखता है, “हर एक अच्छा वरदान और हर एक उत्तम दान ऊपर ही से है, और ज्योतियों के पिता की ओर से मिलता है, जिसमें … न अदल बदल के कारण उस पर छाया पड़ती है” (याकूब 1:17) l हमारी बदलती परिस्थितियों में, हम आश्वस्त हो सकते हैं कि हमारा भला परमेश्वर अपने चरित्र अनुकूल ही रहेगा l वह सभी भलाइयों का श्रोत है, और उसके समस्त कार्य भले है l

ऐसा लगता है कि सब कुछ अस्थायी है, किन्तु परमेश्वर अपने लोगों के लिए हमेशा भला रहेगा l