एक सुबह मेरी बेटी ने अपने ग्यारह माह के बेटे को मनाने के लिए अपना मोबाइल फ़ोन दे दिया l तुरन्त मेरा फ़ोन बजा, और उसे उठाते साथ उसकी छोटी आवाज़ सुनाई दी l उससे मेरे नंबर का “स्पीड डायल” बटन दब गया था और उसके बाद अविस्मरणीय “बातचीत” आरंभ हुई l मेरा नाती थोड़े शब्द बोलता है, किन्तु मेरी आवाज़ पहचानकर मुझे उत्तर देता है l इसलिए मैंने उससे बात करके कहा कि मैं उसे बहुत प्यार करती हूँ l

अपने नाती की आवाज़ सुनकर प्राप्त आनंद मेरे लिए परमेश्वर का हमारे साथ सम्बन्ध रखने की गहरी इच्छा की ताकीद थी l आरंभ ही से, बाइबिल बताती है कि परमेश्वर हमें सक्रियतापूर्वक खोज रहा है l आदम और हव्वा का परमेश्वर की आज्ञा उल्लंघन पश्चात छिपने पर परमेश्वर ने आदम से पूछा, “तू कहाँ है?” (उत्प. 3:9) l

परमेश्वर निरन्तर यीशु के द्वारा मानवता को खोजता रहा l क्योंकि परमेश्वर हमारे साथ सम्बन्ध चाहता है, उसने यीशु को संसार में क्रूस पर उसकी मृत्यु द्वारा हमारे पापों का दंड चुकाने भेजा l “जो प्रेम परमेश्वर … रखता है, वह इस से प्रगट हुआ ….कि उसने …हमारे पापों के प्रायश्चित के लिए अपने पुत्र को भेजा” (1 यूहन्ना 4:9-10) l

यह जानना कितना अच्छा है कि परमेश्वर हमसे प्रेम करता है और चाहता है कि हम यीशु के द्वारा उसके प्रेम का प्रतिउत्तर दें l बोलने में हमारी असमर्थता के बावजूद, हमारा पिता हमसे सुनना चाहता है!