हमनें बीते पांच वर्षों के मानव इतिहास में सबसे अधिक सूचनाएँ एकत्रित की हैं, और यह हर समय हमारे पास आ ररही हैं” (द आर्गनाइज्ड माइंड : थिंकिंग स्ट्रेट इन द एज ऑफ़ इन्फोर्मेशन ओवरलोड के लेखक डेनियल लेविटिन) l लेविटिन कहते हैं, “एक अर्थ में हम अधिक हलचल के आदि हो जाते हैं l” खबर और ज्ञान का निरंतर आक्रमण हमारे दिमाग पर अधिकार कर लेता है l हमारे परिवेश में मीडिया के निरंतर आक्रमण के कारण, शांत रहकर सोचने और प्रार्थना करने हेतु समय निकालना बहुत कठिन हो गया है l
भजन 46:10 कहता है, “चुप हो जाओ, और जान लो कि मैं ही परमेश्वर हूँ l” यह हमें समय निकलकर प्रभु पर केन्द्रित होने की आवश्यकता याद दिलाता है l अनेक लोग मानते हैं कि “मनन का समय” अर्थात् बाइबिल पढ़ना, प्रार्थना करना और परमेश्वर की भलाई और महानता पर विचार करना हर दिन का एक महत्वपूर्ण भाग है l
भजन 46 के लेखक की तरह जब हम, इस सच्चाई का अनुभव करते हैं कि “परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है” (पद.1), यह हमारे भय को दूर करता है (पद.2), संसार के कष्ट से हमारा ध्यान हटाकर परमेश्वर की शांति की ओर ले जाकर, शांत भरोसा उत्पन्न करता है कि हमारा परमेश्वर नियंत्रण रखनेवाला है (पद.10) l
चाहे हमारा संसार कितना भी अस्त-व्यस्त हो, हम अपने स्वर्गिक परमेश्वर के प्रेम और सामर्थ्य में शांति और सामर्थ्य प्राप्त कर सकते हैं l
हर दिन हमें शांत रहकर परमेश्वर की सुनना ज़रूरी है l