गर्मी बाद, हम इंगलैंड के न्यू फारेस्ट में घूमने गए और वहां पर जंगली बेर चुनने का आनंद लिया और पास ही घोड़ों को उछलते कूदते देखा l  दूसरों के द्वारा वर्षों पहले लगाए गए पेड़ों के मीठे फलों का आनंद लेते हुए, मैंने यीशु द्वारा शिष्यों को कहे गए शब्दों को याद किये, “मैंने तुम्हें वह खेत काटने के लिए भेजा जिसमें तुमने परिश्रम नहीं किया” (यूहन्ना 4:38) l

मैं इन शब्दों में परमेश्वर के राज्य की उदारता पसंद करता हूँ l वह हमें दूसरों की मेहनत के फल का आनंद लेने देता है, जैसे जब हम किसी सहेली के साथ, जिसके परिवार को हम नहीं जानते हैं, और जो वर्षों से उसके लिए प्रार्थना कर रहा है, के साथ मसीह का प्रेम बांटते हैं l मुझे यीशु के शब्दों की सीमा भी पसंद है, कि हम बीज बोएँगे किन्तु हम नहीं कोई और कटनी काट सकेगा l इसलिए हम उस कार्य में भरोसा कर सकते हैं जो हमारे सामने है l हम इस सोच से धोखा नहीं खाएंगे कि हम परिणाम के लिए जिम्मेदार हैं l आखिरकार, परमेश्वर का कार्य हम पर निर्भर नहीं है l भरपूर कटनी के लिए उसके पास समस्त साधन है, और हम सौभाग्यशाली हैं कि हम भी उसमें भूमिका निभा सकते हैं l

मैं सोचता हूँ कि किस तरह के खेत आपके सामने और मेरे सामने कटनी के लिए तैयार हैं? हम यीशु के प्रेमी निर्देश का पालन करें : “अपनी आँखें उठाकर खेतों पर दृष्टि डालो कि वे कटनी के लिए पाक चुके हैं” (पद. 4:35) l