2016 के रिओ ओलंपिक्स में, 5,000 मीटर दौड़ में दो धावकों ने संसार का ध्यान आकर्षित किया l 3,200 मीटर दौड़ के बाद, न्यूज़ीलैण्ड की निक्की हैम्बलिन और अमरीका की एबे डीऔगुस्तटिनो आपस में टकराकर गिर गयीं l एबे तुरन्त खड़ी हो गयी, किन्तु निक्की की मदद करने ठहर गयी l क्षण भर बाद दोनों धावक दौड़ने लगे, और एबे गिरने के कारण दायीं पैर में चोट से लड़खड़ाने लगी l अब निक्की की बारी थी कि दौड़ पूरी करने के लिए ठहर कर सह-धावक को उत्साहित करे l एबे के लड़खड़ाने के बाद, निक्की समापन रेखा पर आख़िरकार, उसे गले लगाने के लिए खड़ी थी l आपसी उत्साह का कितना सुन्दर तस्वीर!
यह मुझे बाइबिल का एक परिच्छेद याद दिलाता है : “एक से दो अच्छे हैं …. यदि उनमें से एक गिरे, तो दूसरा उसको उठाएगा; परन्तु हाय उस पर जो अकेला होकर गिरे और उसका कोई उठानेवाला न हो” (सभो. 4:9-10) l आत्मिक दौड़ में धावक होकर, हमें परस्पर सहायता चाहिए-शायद और अधिक, क्योंकि हम दौड़ प्रतियोगिता में नहीं हैं किन्तु एक ही टीम के सदस्य हैं l गिरने के क्षण होंगे जहाँ उठने में किसी की मदद चाहिए; दूसरे क्षणों में किसी को प्रार्थना और उपस्थिति द्वारा उत्साह की आवश्यकता होगी l
आत्मिक दौड़ में अकेला नहीं दौड़ा जाता l क्या परमेश्वर आपको किसी के जीवन में निक्की या एबे बना रहा है? आज ही तुरंत मदद देकर, दौड़ पूरी करें!
जहाँ परमेश्वर हमें ले जाना चाहता है वहां पहुँचने के लिए हमें एक दूसरे की ज़रूरत है l