बेट्टी की बेटी विदेश दौरे से अस्वस्थ्य होकर घर लौटी l दर्द असहनीय होने पर बेट्टी और उसके पति उसे हॉस्पिटल के एमरजेंसी कमरे में ले गए l डॉक्टर्स और नर्सेज उसका इलाज करने लगे, फिर कुछ घंटे बाद एक नर्स ने बेट्टी से बोली, “वह ठीक हो जाएगी! हम उसकी अच्छी देखभाल करेंगे और वह स्वस्थ्य हो जाएगी l” उस क्षण बेट्टी ने शांति और प्रेम महसूस किया l उसने जाना कि जब वह अपनी बेटी के विषय चिंतित थी, प्रभु अपने बच्चों की देखरेख करनेवाला, कठिन समय में शांति देनेवाला सिद्ध पालक है l

व्यवस्थाविवरण की पुस्तक में, प्रभु ने अपने लोगों को याद दिलाया कि मरुभूमि में फिरते समय उसने पालक की तरह अपने बच्चों को संभालता रहा l उसने उनको नहीं छोड़ा, किन्तु उकाब की तरह, जो “अपने बच्चों के ऊपर ऊपर मंडलाता है, वैसे ही अपने पंख फैलाकर उनको अपने परों पर उठा लिया” (32:11) l वह चाहता था कि वे याद रखें कि उनके मरुभूमि में कठिनाई और संघर्ष के बावजूद, उसने उनको नहीं छोड़ा l

हम भी अनेक चुनौतियों का सामना करने के बावजूद इस बात से ढाढ़स प्राप्त कर सकते हैं कि हमारा परमेश्वर हमें नहीं छोड़ेगा l जब हम पराजय महसूस करें, प्रभु एक उकाब की तरह अपने पंख फैलाकर हमें उठा लेगा (पद.11) जब वह शांति लेकर आएगा l