मुझे ग्रैंड घाटी देखना पसंद है l जब मैं घाटी के किनारे खड़ा होता हूँ, मैं परमेश्वर की चौंकानेवाली कृति देखता हूँ l 

यद्यपि वह भूमि में एक (बहुत बड़ा) “गड्ढा” है, ग्रैंड घाटी मुझे स्वर्ग पर विचार करने हेतु विवश करता है l एक बारह वर्षीय ईमानदार युवक ने एक बार मुझ से पूछा, “क्या स्वर्ग अरुचिकर नहीं होगा? क्या आप नहीं सोचते कि हम हमेशा परमेश्वर की प्रशंसा करते हुए थक जाएंगे?” किन्तु यदि भूमि में एक “गड्ढा” इतना जबरदस्त खुबसूरत है और हम उसे देखते नहीं थकते हैं, हम खूबसूरती के श्रोत-हमारे प्रेमी सृष्टिकर्ता-को नयी सृष्टि के सम्पूर्ण असली आश्चर्य में एक दिन देखने की कल्पना ही कर सकते हैं l

“एक वर मैंने यहोवा से माँगा है, उसी के यत्न में लगा रहूँगा; कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊं, जिससे यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि लगाए रहूँ,” (भजन 27:4) दाऊद ने इन शब्दों को लिखते हुए यह इच्छा प्रगट की l परमेश्वर की उपस्थिति से सुन्दर कुछ नहीं, जो इस पृथ्वी पर हमारे निकट आती है जब हम भविष्य में उसका चेहरा आमने-सामने देखने की चाह में उसे विश्वास से खोजते हैं l

उस दिन हम अपने अद्भुत प्रभु की प्रशंसा करते हुए नहीं थकेंगे, क्योंकि हम उसकी उत्तम भलाई और उसके हाथों के कार्य के आश्चर्य की तरोताज़गी, और नयी खोज के अंत में कभी नहीं पहुंचेंगे l उसकी उपस्थिति उसकी खूबसूरती और उसके प्रेम का असाधारण प्रकाशन प्रगट करेगी l