1992 में एक दुर्घटना में लगी एक चोट के कारण, मुझे पीठ के ऊपरी भाग, कन्धों, और गले में दर्द होता है l सबसे कष्टदायक और निराशा भरे क्षणों में, हमेशा प्रभु पर भरोसा करना अथवा उसकी प्रशंसा करना सरल नहीं है l किन्तु जब मेरी स्थिति सहन से बाहर हो जाती है, परमेश्वर की अटल उपस्थिति मुझे आराम देती है l वह मुझे सामर्थी बनाता है और अपनी अटल भलाई, असीमित सामर्थ्य, और थामनेवाले अनुग्रह का भरोसा देता है l और जब अपने प्रभु पर शक करने की परीक्षा आती है, मैं शद्रक, मेशक, और अबेदनगो के दृढ़ विश्वास से उत्साह पाता हूँ l उन्होंने आशाहीन स्थिति के बाद भी परमेश्वर की उपासना की और भरोसा किया कि वह उनके साथ है l

राजा नबूकदनेस्सर ने शद्रक, मेशक, और अबेदनगो को सच्चे परमेश्वर का इनकार करके उसके द्वारा बनायी गयी सोने की मूर्ति की उपासना नहीं करने पर उनको धधकती भट्ठी में फेंक देने की धमकी दी (दानि. 3:13-15) l इसके बावजूद इन तीन पुरुषों ने साहसी और भरोसेमंद विश्वास को दर्शाया l “भले ही” परमेश्वर उनको मौजूदा संकट से न छुड़ाए(पद.18), पर उन्होंने हमेशा माना कि परमेश्वर उनकी आराधना के योग्य है (पद. 17) l और परमेश्वर ने उनको उनकी ज़रूरत के समय अकेला नहीं छोड़ा; वह उनके साथ जुड़कर भट्ठी में उनकी सुरक्षा की (पद.24-25) l

परमेश्वर हमें भी अकेला नहीं छोड़ता है l वह नबूकदनेस्सर की भट्ठी की तरह घातक महसूस होनेवाली हमारी परीक्षाओं में हमारे संग रहता है l यदि अनंत के इस ओर हमारे दुःख का अंत न भी हो, परमेश्वर है और हमेशा शक्तिशाली, भरोसेमंद, और भला है l हम उसके अटल और प्रेममय उपस्थिति पर भरोसा कर सकते हैं l