कुछ साल पहले, मेरे साथी का युवा पुत्र शिकागो में यूनियन स्टेशन पर भीड़ में चलते समय खो गया l बताने की ज़रूरत नहीं कि वह एक भयानक अनुभव था l चिंता में, वह फिर से चलती सीढ़ी से ऊपर गयी और अपने छोटे बेटे को खोजने का प्रयास करती रही l अलगाव के क्षण घंटों में बदल गए l धन्यवाद हो कि अचानक उसका बेटा भीड़ से बाहर उसकी बाहों की सुरक्षा में लौट आया l
मैं अपने मित्र के विषय सोचने लगा जो अपने बच्चे को खोजने के लिए सब कुछ करने को तैयार थी l परमेश्वर ने हमें बचाने के लिए अद्भुत काम किया जो मुझे फिर से धन्यवाद करने का मन देता है l जब आदम और हव्वा जिसमें परमेश्वर का रूप था, पाप कर दिये, उसने अपने लोगों के साथ संगती नहीं रख सकने पर दुःख महसूस किया l उसने सम्बन्ध को फिर से जोड़ने के लिए अत्यधिक प्रयास किया l उसने अपने पुत्र को “खोए हुओं को ढूढ़ने और उनका उद्धार करने [भेजा]” (लूका 19:10) l यदि यीशु हमें परमेश्वर के पास लाने के लिए जन्म न लेता और हमारे पापों के लिए मरने को तैयार न होता, क्रिसमस के समय उत्सव मनाने के लिए हमारे पास कुछ नहीं होता l
इसलिए इस क्रिसमस के समय, हम धन्यवादित हों कि परमेश्वर ने यीशु को भेजकर अंतिम उपाय किया कि उसके साथ हमारी संगती पुनः स्थापित हो जाए l यद्यपि हम एक समय खो गए थे, यीशु के कारण हम खोज लिए गए हैं l
परमेश्वर ने खोए हुओं को पुनः वापस लाने के लिए अंतिम उपाए किया,
यही क्रिसमस है l