फुलचुसनी चिड़िया को अंग्रेजी में हमिंगबर्ड कहते हैं क्योंकि वह अपने पंख बहुत तीव्रता से फड़फड़ाती है l पुर्तगाली भाषा में इसे फुलचुसनी अथवा स्पेनी में “उड़ती मणि” कहते हैं l इस चिड़िया को मैं ब्युलू पुकारता हूँ, अर्थात् “जो सदा याद रहे l
जी. के. चेस्टरन लिखते हैं, “इस संसार में कभी भी अजूबों की कमी नहीं होगी, किन्तु अजीब बातों की इच्छा बनी रहेगी l” फुलचुसनी उनमें से एक अजूबा है l इन छोटे प्राणियों में कौन सी बातें रोमांचित करनेवाली हैं? शायद उनका छोटा आकार(औसत दो से तीन इंच) अथवा उनके पंख जो एक सेकंड में 50 से 200 बार फड़फड़ाते हैं l
हम नहीं जानते कि भजन 104 किसने लिखा, किन्तु अवश्य ही वह प्रकृति की सुन्दरता से मोहित था l सृष्टि की अनेक अबिबो-गरीब बातें जैसे लबानोन के देवदार और जंगली गदहों का वर्णन करने के बाद, वह गीत गाता है, “यहोवा अपने काम से आनंदित होवे”(पद.31) l उसके बाद वह प्रार्थना करता है, “मेरा ध्यान करना उसको प्रिय लगे” (पद.34) l
प्रकृति में अनेक बातें याद रहने लायक हैं क्योंकि वे सुन्दर और सम्पूर्ण हैं l हम उन पर ध्यान करके किस तरह परमेश्वर को खुश कर सकते हैं? जब हम उसके कार्य पर विचार करते हैं और चकित करनेवाली बातों का पुनः अनुभव करते हैं, हम उन पर ध्यान दे सकते हैं, आनंदित हो सकते हैं और परमेश्वर को धन्यवाद दे सकते हैं l
चकित करनेवाली बातों का परिणाम धन्यवाद देना है l