एक मित्र जिसने हमारी तरह, कार दुर्घटना में अपनी किशोर बेटी को खो दिया था, एक स्थानीय पेपर में लिंडसे, को एक श्रद्धांजलि लिखी जिसकी सबसे प्रभावी बात यह थी: “वह हर स्थान पर है, परन्तु कहीं नहीं है।”
यद्यपि हमारी बेटियां आज भी अपनी तस्वीरों से हम पर मुस्कुराती हैं, तो भी वो उत्साही व्यक्तित्व जो उन मुस्कुराहटों को चमक देते थे, अब कहीं नहीं हैं। वे हर स्थान पर हैं-हमारे दिल में, विचारों में, धर में रखी तस्वीरों में-परन्तु कहीं नहीं।
बाइबिल बताती है कि, मसीह में, लिंडसे और मेलिस्सा वास्तव में कहीं नहीं, नहीं हैं। वे यीशु की उपस्थिति में हैं, “प्रभु के साथ”(2 कुरिन्थियों 5:8)। वे उस के साथ हैं, जो, “कहीं नहीं पर सर्वव्यापी” है। हम परमेश्वर को भौतिक रूप में नहीं देखते हैं। वास्तव में, यदि आप चारों ओर नज़र डालेंगे, तो सोच सकते हैं कि वह कहीं नहीं है। परन्तु सत्य इसके विपरीत है। वह हर स्थान पर हैं!
हम जहां भी जाएं, परमेश्वर वहीं हैं। हमें मार्गदर्शन देने, मजबूत बनाने और सांत्वना देने को वह सदा हमारे साथ हैं। हम वहां जा ही नहीं सकते जहां वह उपस्थित न हों। भले ही न दिखें, परन्तु वह हर स्थान पर हैं, हमारी हर परख में, यह एक अविश्वसनीय शुभ समाचार है।
दुःख के समय में हमारी सबसे बड़ी सांतवना यह जानने में है कि प्रभु हमारे साथ हैं।