मोबाइल फ़ोन के कारण दूसरों तक हमारी असीमित पहुंच हो गई है। कई लोग वाहन चलाते हुए फोन या टेक्स्ट करते हैं जिससे कभी-कभी भयानक दुर्घटनाएँ होती हैं। कई देशों में ध्यान भंग करके वाहन चलाना गैरकानूनी है। अमेरिका में  हाईवे पर विशेष ज़ोन बने हैं, जहाँ वाहन रोक कर लोग सुरक्षित रूप से जितना चाहें फ़ोन इस्तेमाल कर सकते हैं।

फ़ोन पर बात करते हुए वाहन चलाने पर प्रतिबंध अच्छा है, पर एक ऐसी बातचीत है जिसे करने पर कोई प्रतिबंध नहीं होता: प्रार्थना। परमेश्वर हमें उनसे बात करने को हर समय आमंत्रित करते हैं, आते-जाते समय या जब हम स्थिर हों। नए नियम में, पौलुस के शब्द हर उस व्यक्ति के लिए हैं जो परमेश्वर से बातचीत करना चाहता हैं, “निरन्तर प्रार्थना मे लगे रहो”। साथ ही वह हमें “सदा आनन्दित” रहने” और “सभी परिस्थितियों में धन्यवाद देने” के लिए प्रोत्साहित करता है (1 थिस्सलुनीकियों 5:16-18)। आनन्दित और धन्यवादित रहना-मसीह के द्वारा परमेश्वर पर हमारे विश्वास की अभिव्यक्ति है, निरन्तर प्रार्थना में जिसका लंगर है।

चाहे रोने के लिए हो या लंबी बातचीत के लिए, परमेश्वर सर्वदा हमारे लिए उपलब्ध होते हैं। वह चाहते हैं हम अपनी खुशियों, आभार, इच्छाओं, प्रश्नों और चिंताओं को निरन्तर उनसे साझा करें (इब्रानियों 4:15-16)। हम निरन्तर प्रार्थना के ज़ोन में होते हैं।