कुछ लोगों की प्रवृति संसार में गलत देखने की होती है। डीविट जोन्स नेशनल ज्योग्राफिक के फोटोग्राफर हैं जिन्होंने अपने धन का उपयोग संसार में जो अच्छा है उसका उत्सव मनाने के लिए किया है। वह प्रतीक्षा करते हैं जब तक सुबह की पहली किरण या परिपेक्ष में अचानक आया बदलाव ऐसे आश्चर्य को प्रकट न कर दे जो वहां होते हुए भी असाधारण स्वरूप में न दिखता हो। कैमरे का प्रयोग वह लोगों के चेहरों और प्रकृति में सुन्दरता खोजने के लिए करते हैं।
गलत देखने का किसी के पास कारण था तो वह अय्यूब थे। जिन्होंने वह सब खो दिया जो उन्हें प्रिय था, यहां तक कि उनके मित्रों ने दोष लगाया कि वह पापों का दण्ड भोग रहे हैं। अय्यूब ने मदद के लिए पुकारा, परमेश्वर शान्त रहे। अंततः परमेश्वर ने अय्यूब से अंधियारे तूफान और भंवर में प्रकृति के आश्चर्य पर मनन करने को कहा जो उस बुद्धि और सामर्थ को प्रदर्शित करती है जो मानवीय समझ से परे है (अय्यूब 38:2-4)।
क्या वह हमसे कहेंगे? कुत्ते, बिल्ली, फड़फड़ाते पत्ते, या घास के तिनके की प्रकृति देखो, प्रकाश की किरण, या परिपेक्ष में बदलाव-या फिर हमारा दुःख भी-सृष्टिकर्ता के मन या हृदय को प्रदर्शित करते हैं जो इन सब में और सर्वदा हमारे साथ रहते हैं।
प्रकृति के रूप में कभी न समाप्त होने वाले आश्चर्य बसे हैं।