मेरी बेटी को मेरी दादी की पिपरमेंट आइसक्रीम-पाई की रेसिपी चाहिए थी। मैंने अपने पुराने रेसिपी बक्से को खोला तो अपनी दादी की अनोखी लिखावट में लिखी रेसिपी को पहचान लिया-साथ ही मेरी माँ के हाथ के लिखे कई नोट्स भी उसमें थे। अचानक मुझे आभास हुआ कि मेरी बेटी की आइसक्रीम-पाई की रेसिपी की मांग मेरे परिवार की चौथी पीढ़ी में स्थान पा चुकी है।
मैंने सोचा कि अन्य परिवारों में एक पीढ़ी से दूसरी को मिलने वाली विरासत क्या होती होंगी। विश्वास सबंधी चुनावों के बारे में क्या? इस पाई के अतिरिक्त क्या मेरी दादी का-और स्वयं मेरा-विश्वास मेरी बेटी और उसकी संतानों के जीवन में जारी रहेगा?
भजन 79 में भजनकार हठधर्मी इस्राएल का शोक मनाता है, जिसने अपनी आस्था खो दी है। वह परमेश्वर से उनके लोगों को अन्यजातियों से छुड़ाने और यरुशलेम की सुरक्षा में लौटाने के लिए प्रार्थना करता है। ऐसा होने पर वह परमेश्वर के मार्गों का अनुसरण करने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा। “हम जो तेरी प्रजा…(पद 13)”।
इस उत्सुकता से कि दादी की इस मीठी विरासत का स्वाद अब हमारे परिवार की एक नई परत लेने जा रही है, मैंने रेसिपी उसे भेज दी। और प्रार्थना की कि मेरे परिवार के विश्वास का प्रभाव भी एक पीढ़ी से अगली पर पड़ता रहे।
अपने विश्वास को जीना और उसे आगे बाँट देना विरासत छोड़ने का बेहतर तरीका है।