घर की चीजों को ठीक करने की कोशिश में अक्सर मुझे वो चीजें ठीक कराने के पैसे खर्च करने पड़ते हैं जिन्हें पहली चीज़ को ठीक करने के प्रयास में मैं बिगड़ देता हूँ। हाल ही मैंने अपने घरेलू उपकरण को एक YouTube वीडियो देखकर सफलतापूर्वक ठीक किया जिसमें किसी ने एक-एक करके उसे ठीक करने का तरीका बताया है।
अपने युवा अनुयायी तीमुथियुस के लिए पौलुस एक अच्छा उदाहरण थे जो उनके साथ यात्रा करता और उसके कार्यों को देखता था। रोम की जेल से पौलुस ने उसे लिखा, “पर तू ने उपदेश, चाल-चलन…” (2 तीमुथियुस 3:10-11) इसके अतिरिक्त उन्होंने तीमुथियुस से कहा, “पर तू इन बातों पर जो तूने सीखीं हैं…”(पद 14-15)।
पौलुस का जीवन प्रदर्शित करता है कि हमें अपने जीवन का निर्माण परमेश्वर के वचन पर करने की आवश्यकता है। उसने तीमुथियुस को याद दिलाया कि बाइबिल सामर्थी तथा परमेश्वर का दिया स्रोत है जिसे हमें उन्हें सिखाने और प्रदर्शित करने की आवश्यकता है जो मसीह के पीछे चलाना चाहते हैं। जहाँ हम उन लोगों के लिए परमेश्वर का धन्यवाद देते हैं जिन्होंने विश्वास में बढ़ने में हमारी मदद की है, हमारे सामने भी चुनौती है कि जिस सत्य को हम दूसरों को सिखाते हैं, उसे हम स्वयं भी जिएँ। यही प्रदर्शन का सामर्थ है।
हमें परमेश्वर के वचन अनुसार जीने और इसे दूसरों को सिखाने और प्रोत्साहित करने की बुलाहट मिली है।