वर्षों पहले फिजिक्स के एक शिक्षक ने हमसे बिना मुड़े कक्षा की पीछे दीवार का रंग बताने को कहा? कोई बता नहीं पाया, क्योंकि किसी ने कभी ध्यान नहीं दिया था। कभी-कभी हम “बातों” को अनदेखा कर देते हैं क्योंकि हम हर बात याद नहीं रख सकते। और कई बार हम उस चीज़ को नहीं देख पाते जो वहां सदा से थी।

यीशु का उनके चेलों के पैर धोने का वृतांत मैंने कई बार पढ़ा है। जिसमें हमारा उद्धारकर्ता और राजा अपने चेलों के पैर धोने के लिए झुकता है। उन दिनों इस काम को इतना तुच्छ समझा जाता था कि दासों से भी यह काम नहीं लिया जाता था। हाल ही में यह वृतांत एक बार फिर पढ़ने पर मैंने उस पर गौर किया जिसपर आज तक मेरा ध्यान नहीं गया था कि यीशु ने, जो मनुष्य और परमेश्वर दोनों थे, यहूदा के पैर धोए। यह जानते हुए कि वह उन्हें धोखा देगा। जैसा हम यूहन्ना 13:11 में देखते हैं। तो भी यीशु ने स्वयं को विनम्र किया और यहूदा के पैर धोए।

पानी के बर्तन से प्रेम छलका-जिसे उन्होंने उन्हें धोखा देने वाले से भी बाँटा। हमें भी उस विनम्रता का वरदान मिले ताकि यीशु के प्रेम को हम अपने मित्रों और किसी शत्रु से भी बाँट सकें।