मेरी बुआ कैथी ने अपने पिता (मेरे नाना) की घर में 10 वर्ष देखभाल की। जब वह आत्मनिर्भर थे, वह खाना पकाती, कपड़े धोती। उनकी सेहत बिगड़ने पर उन्होंने नर्स की भूमिका निभाई।
उनकी सेवा पौलुस के शब्दों का आधुनिक उदाहरण है, जिसने थिस्सलुनिकियों को लिखा था कि वह उन सब के विषय में परमेश्वर का धन्यवाद…। (1 थिस्सलुनिकियों 1:3)
बुआ ने विश्वास और प्रेम से सेवा की। उनकी प्रतिदिन की, देखभाल उनके इस विश्वास का परिणाम थी कि इस कार्य की बुलाहट परमेश्वर की ओर से थी। उनका श्रम परमेश्वर और उनके पिता के प्रति प्रेम से उत्पन्न हुआ था।
उनमें भी आशा की धीरता थी। मेरे नाना दयालु व्यक्ति थे, परन्तु उनकी हालत बिगड़ते देखकर उन्होंने परिवार और दोस्तों से मिलना-जुलना और कहीं आना जाना कम कर दिया। वह इसलिए दृढ़ बनी रही क्योंकि उन्हें विश्वास था कि परमेश्वर हर दिन उन्हें सामर्थ देंगे, स्वर्ग की उस आशा के साथ जो मेरे दादा की प्रतीक्षा कर रही थी।
चाहे किसी अपने की देखभाल करने की, पड़ोसी की मदद करने की या अपना समय देने की बात हो, धीरज धारण करें क्योंकि आप वह कार्य कर रहे हैं जिसके लिए परमेश्वर ने आपको बुलाया है। आपका श्रम विश्वास, आशा और प्रेम की एक सामर्थपूर्ण गवाही हो सकते हैं।
जीवन की महिमा प्यार देने में, नकि पाने में; सेवा करने में नाकि लेने में होती है।
शुक्रवार, अप्रैल 13