एमी कार्माईकल (1867-1951) भारत में अनाथ लड़कियों को बचानेवाली और नया जीवन देनेवाली के रूप में जानी जाती है l इस थकानेवाले काम के मध्य उसके जीवन में ऐसे क्षण भी आए जिसे उसने “दर्शन का क्षण” कहा l अपनी पुस्तक गोल्ड बाई नाईट, में उन्होंने लिखा, “एक भीड़ भरे दिन के मध्य हमें ‘लम्बे चौड़े देश,’ की लगभग एक झलक मिल ही जाती है और हम मार्ग में शांत होकर ठहर जाते हैं l”
यशायाह नबी एक समय के विषय लिखता है जब परमेश्वर के विद्रोही लोग उसके निकट लौटेंगे l “तू अपनी आखों से राजा को उसकी शोभा सहित देखेगा; और लम्बे चौड़े देश पर दृष्टि करेगा” (यशायाह 33:17) l इस “लम्बे चौड़े देश” को देखने का अर्थ अविलम्ब वर्तमान की स्थिति से ऊपर उठकर स्वर्गिक दृष्टिकोण प्राप्त करना है l कठिन समयों में, प्रभु चाहता है कि हम अपने जीवनों को उसके दृष्टिकोण से देखकर आशा प्राप्त करें l “क्योंकि यहोवा हमारा न्यायी, यहोवा हमारा हाकिम, यहोवा हमारा राजा है, वही हमारा उद्धार करेगा” (पद.22) l
हर दिन, हम निराशा में सर झुका सकते हैं अथवा “लम्बे चौड़े देश” की ओर, उस प्रभु की ओर जो हमारा “महाप्रतापी यहोवा” है, अपनी ऑंखें उठा सकते हैं (पद.21) l
एमी कार्माईकल भारत में पचास वर्ष से भी अधिक तक अति आवश्यकतामंद जवान स्त्रियों की सहायता करती रही l उसने किस प्रकार यह किया? हर दिन वह यीशु की ओर देखती रही और उसकी देखभाल में अपने जीवन को सौंप दिया l और हम भी सौंप सकते हैं l
यीशु की ओर ताकते रहें l