1963 में अमरीकी राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी की हत्या सम्बंधित रहस्यों में “बाबुश्का महिला” एक रहस्य है l मूवी कैमरा द्वारा उन घटनाओं की ली गयी तस्वीरों में, वह पकड़ में नहीं आयी है l यह रहस्यमयी महिला, जो एक ओवरकोट और स्कार्फ(रुसी बूढ़ी महिला  की तरह दिखाई देती हुई) पहनी हुई दिखाई देती है, की पहचान नहीं हुई है और उसकी फिल्म कभी नहीं देखी गयी है l दशकों से, इतिहासकार और विद्वानों का अनुमान है कि भय ने “बाबुश्का महिला” को उस नवम्बर की दुखद शाम की अपनी कहानी बताने से रोका है l

यीशु के शिष्यों के छिप जाने के पीछे किसी तरह का अनुमान लगाना ज़रूरी नहीं है l वे उन अधिकारियों के भय से जिन्होंने उनके स्वामी की हत्या की थी दुबक गए थे (यूहन्ना 20:19) और सामने आकर अपने अनुभव बताने से हिचकिचा रहे थे l किन्तु तब ही यीशु मृतकों में से जी उठा l पवित्र आत्मा के आने के बाद मसीह के अनुयायियों का जो एक समय डरे हुए थे अब शांत रखना असंभव था! पेंतिकुस्त के दिन, पवित्र आत्मा की सामर्थ्य से पूर्ण शमौन पतरस ने घोषणा की, “अतः अब इस्राएल का सारा घराना निश्चित रूप से जान ले कि परमेश्वर ने उसी यीशु को जिसे तुम ने क्रूस पर चढ़ाया , प्रभु भी ठहराया और मसीह भी” (प्रेरितों 2:36) l

यीशु के नाम में निडरतापूर्वक बोलने का अवसर निर्भीक लोगों अथवा सेवा को जीविका के रूप में लेने का प्रशिक्षण प्राप्त करनेवालों तक सीमित नहीं है l यह तो अन्तर्निवास करनेवाला पवित्र आत्मा है जो यीशु का सुसमाचार बताने की योग्यता देता है l उसकी सामर्थ्य से, हम साहस का अनुभव करके दूसरों के साथ अपने उद्धारकर्ता के विषय में बताते हैं l