मेरी पत्नी ने मुझे लेब्राडोर जाति का एक पिल्ला दिया जिसका नाम हमने मैक्स रखा l एक दिन चिंतन करते समय मेरे कमरे में मुझे अपने पीछे कागज़ के चबाने की आवाज़ आयी l मैं मुड़कर मैक्स को देखा जिसने गलती की थी l उसके सामने एक पुस्तक खुली थी और उसके मुँह से एक पन्ना लटक रहा था l
हमारे पशु चिकित्सक के अनुसार मैक्स के “दूध के दाँत टूटकर नए दाँत निकल रहे” हैं l कुत्ते के बच्चों के दूध के दाँत टूटकर स्थायी दाँत निकलते समय वे अपने मसूड़ों को आराम देने के लिए कुछ भी चबा लेते हैं l हमें मैक्स पर ध्यान देकर निश्चित करना था कि वह ऐसा कुछ भी न कुतरे जिससे उसका नुक्सान हो l हमें उसके बदले उसे स्वास्थ्यप्रद आदतें सिखानी होगी l
मैक्स के चबाने की आदत और उस पर ध्यान देने की मेरी ज़िम्मेदारी मुझे सोचने को विवश करती है कि हम अपने मनों और हृदयों में क्या “चबाते” हैं l क्या हम वेब अथवा टीवी देखते समय ध्यानपूर्वक विचार करते हैं कि हमारी अनंत आत्मा क्या ग्रहण कर रही है? बाइबल हमें उत्साहित करती है, “नए जन्मे हुए बच्चों के सामान निर्मल आत्मिक दूध की लालसा करो, ताकि उसके द्वारा उद्धार पाने के लिए बढ़ते जाओ, क्योंकि तुम ने प्रभु की कृपा का स्वाद चख लिया है”(1 पतरस 2:2-3) l यदि हम मसीह के अनुयायी बनकर रहना चाहते हैं तो हमें प्रतिदिन खुद को परमेश्वर के वचन और सच्चाई से भरना होगा l तब ही हम उसमें बढ़कर परिपक्व हो सकते हैं l
जब मसीह लौटेगा, वह हमें किसकी अभिलाषा करते हुए पाएगा?