मेरी पसंदीदा कलाकृति इंगलैंड, ऑक्सफ़ोर्ड में केम्बल कॉलेज चैपल में टंगा हुआ है l चित्रकार, विलियम होलमैन हंट की चित्रकला, द लाइट ऑफ़ द वर्ल्ड , में यीशु को अपने हाथ में लालटेन लिए हुए एक घर के दरवाजे को खटखटाते हुए दिखाया गया है l
दरवाजे में हैंडल का नहीं होना उस चित्रकला का एक लुभावना पक्ष है l जब पूछा गया कि दरवाजा कैसे खोला जाएगा, हंट का कहना था कि वे प्रकाशितवाक्य 3:20 का चित्र दर्शाना चाहते थे, “देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूँ; यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर [आऊंगा] l”
प्रेरित यूहन्ना के शब्द और चित्रकारी यीशु की दयालुता प्रगट करती है l वह शांति का उपहार देने के लिए हमारी आत्माओं के द्वार पर धीरे-धीरे खटखटाता है l यीशु हमारे प्रतिउत्तर के लिए धीरज रखकर इंतज़ार करता है l वह खुद ही दरवाजा खोलकर हमारे जीवनों में प्रवेश नहीं करता है l वह अपनी इच्छा हमारे जीवनों पर नहीं थोपता है l इसके बदले, वह सभी लोगों को उद्धार का उपहार देता है और हमारे मार्गदर्शन के लिए हमें ज्योति l
जो कोई दरवाजा खोलता है, वह उसके अन्दर आने का वादा करता है l और कोई अनिवार्यता या ज़रूरत नहीं है l
यदि आप यीशु की आवाज़ और आपकी आत्मा के दरवाजे पर धीमी दस्तक सुने तो, उत्साहित हो जाएं कि वह आपके लिए धीरज से इंतज़ार करता है और जब आप उसे अपने जीवन में बुलाएँगे वह प्रवेश करेगा l
यीशु के लिए अपना दरवाजा खोले; वह धीरज से आपके लिए ठहरा हुआ है l