हाल ही में जब हम अपने नाती-पोते के साथ एक सैर पर थे, फ्लोरिडा में हमें एक वेब कैमरा की सहायता से एक उकाब के परिवार को देखने का अवसर मिला l भूमि से बहुत ऊपर बने घोंसले में हमने प्रतिदिन माँ, पिता और उकाब के छोटे बच्चे के दैनिक क्रिया पर ध्यान दिया l हर दिन दोनों माता-पिता निरंतर अपने बच्चे की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए, उसके पोषण के लिए निकट के नदी से मछली लाकर खिलाया करते थे l
उकाब के परिवार की यह कहानी परमेश्वर की अद्भुत सृष्टि की एक छवि अर्थात् सृष्टि की छवि का एक विस्तृत वर्णन, परमेश्वर के रचनात्मक हाथों के कार्यों का रूप प्रस्तुत करती है, जिसका वर्णन भजनकार अपने भजन 104 में करता है l

हम कायनात से सम्बंधित परमेश्वर की सृष्टि का प्रताप देखते हैं (पद.2-4) l
हम पृथ्वी की रचना का अनुभव करते हैं अर्थात् जल, पर्वत, घटी (पद.5-9) l
हम परमेश्वर के उपहार की महिमा अर्थात् पशु, पक्षी, और उपज का आनंद लेते हैं (पद.10-18) l
हम परमेश्वर द्वारा रचित प्रकृति के क्रम का अर्थात् सुबह/रात, अन्धकार/ प्रकाश, कार्य/विश्राम पर अचम्भा करते हैं (पद.19-23) l

परमेश्वर ने अपने हाथों से हमारे आनंद और अपनी महिमा के लिए कितनी शानदार सृष्टि रची है! “हे मेरे मन, तू यहोवा को धन्य कह!”(पद.1) l हममें से हर एक उसको सभी बातों के लिए जो उसने हमें दिया है जिसको हम सराह सकते हैं और जिसका हम आनंद ले सकते हैं उसे धन्यवाद दे सकते हैं l