मेरी सहेली किराने की दूकान का भुगतान करने के लिए खड़ी थी जब एक व्यक्ति ने उसे 10 पौण्ड(14 डॉलर) दिए l उसकी नींद पूरी नहीं होने के कारण, वह उसकी दयालुता के कार्य के कारण रोने लगी; और उसके बाद अपने रोने पर हँसने लगी l यह अनपेक्षित दयालुता उसके हृदय को छु गया था और थकान में उसे आशा मिली थी l दूसरे व्यक्ति द्वारा भलाई  के लिए उसने प्रभु का धन्यवाद दिया l

इफिसुस के गैर-यहूदी मसीहियों को लिखे अपने पत्र में प्रेरित पौलुस का प्रमुख विचार देने के सम्बन्ध में था l उसने यह कहकर कि वे अनुग्रह से बचाए गए हैं, उनसे पुराने जीवनों को पीछे छोड़कर नए जीवन को गले लगाने को कहा l उसने समझाया कि इस बचाने वाले अनुग्रह से, “भले काम” करने की इच्छा निकलती है क्योंकि हम परमेश्वर के स्वरुप में बनाए गए हैं और उसके हाथ की “कारीगिरी हैं” (2:10) l  सुपर मार्केट में उस व्यक्ति की तरह, हम अपने दैनिक कार्यों के द्वारा परमेश्वर का प्रेम फैला सकते हैं l

निस्संदेह, ज़रूरी नहीं कि हम परमेश्वर का अनुग्रह बाँटने के लिए भौतिक वस्तुएँ दें; हम उसके प्रेम को दूसरे कार्यों द्वारा दर्शा सकते हैं l जो हमसे बात करना चाहता है, हम समय निकालकर उसकी सुन सकते हैं l जो हमारी सेवा करते हैं हम उनका हाल चाल पूछ सकते हैं l हम ठहरकर किसी की ज़रूरत पूरी कर सकते हैं l जब हम दूसरों को देंगे, हम बदले में आनंद प्राप्त करेंगे (प्रेरितों 20:35) l