ग्रीटिंग कार्ड्स पर मुद्रित हजारों भावनाओं में से, शायद सबसे मर्मस्पर्शी यह सरल कथन है: “आप के व्यक्तित्व के लिए धन्यवाद l” अगर आपको वह कार्ड प्राप्त होता है, तो आप जानते
हैं कि कोई आपकी परवाह करता है इसलिए नहीं क्योंकि आपने उसके लिए कुछ असाधारण किया है, लेकिन इसलिए कि आपके गुण के लिए आपकी सराहना की जाती है l
मैं सोचता हूँ कि इस तरह की भावना हमें परमेश्वर को “धन्यवाद” कहने का सबसे अच्छा तरीका बता सकती है l निश्चित रूप से, ऐसा समय होता है जब परमेश्वर हमारे जीवन में स्पष्ट तरीके से हस्तक्षेप करता है, और हम कुछ इस तरह कहते हैं, “धन्यवाद, परमेश्वर, मुझे वह नौकरी मिली l” किन्तु अक्सर, हम केवल यह कह सकते हैं, “परमेश्वर, आप के व्यक्तित्व के लिए धन्यवाद l”
इसी तरह की भावनाएं प्रगट करते कुछ पद, 1 इतिहास 16:34 : “यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; उसकी करुणा सदा की है l” परमेश्वर, आप जो हैं, भले और प्रेमी, उसके लिए धन्यवाद l और भजन 7:17 : “मैं यहोवा के धर्म(धार्मिकता) के अनुसार उसका धन्यवाद करूँगा l” परमेश्वर, आप जो हैं, पवित्र, उसके लिए धन्यवाद l “हम धन्यवाद करते हुए उसके सम्मुख आएँ, . . . क्योंकि यहोवा महान् ईश्वर है” (भजन 95:2-3) l परमेश्वर, आप जो हैं, संसार के सर्वशक्तिमान परमेश्वर, उसके लिए धन्यवाद l
परमेश्वर जो है l यह हमारे लिए ठहरकर उसकी स्तुति और धन्यवाद करने का पर्याप्त कारण है l परमेश्वर, आप जो है उसके लिए धन्यवाद!
ईश्वर का शुक्रिया अदा करने के अनगिनत कारण हैं, जिसमें उसका व्यक्तित्व भी है!