Month: नवम्बर 2018

दृढ़ आशा

1940 के दशक में जब जापान ने चीन पर हमला बोला, डॉ. विलियम वॉलस वुजहू, चीन में मिशनरी डॉक्टर के रूप में सेवा कर रहे थे l वालेस ने, जो उस समय स्टउट मेमोरियल अस्पताल के प्रभारी थे, अस्पताल को नाव पर उनके उपकरण लोड करने का आदेश दिया और पैदल सेना के हमलों से बचने के लिए नदियों में तैरते हुए अस्पताल के रूप में काम करना जारी रखा l
खतरनाक समय के दौरान, फिलिप्पियों 1:21 - वॉलस का एक पसंदीदा पद - ने उसे याद दिलाया कि यदि वह जीवित रहेगा, उसे उद्धारकर्ता के लिए कार्य करना होगा; किन्तु यदि उसकी मृत्यु हो जाएगी, उसके पास मसीह के साथ अनंतता की प्रतिज्ञा है l इस पद की विशेष सार्थकता तब दिखाई दी जब 1951 में धोखे से कैद कर लिए जाने के बाद उनकी मृत्यु हो गयी l
पौलुस का लेखन एक गहरी भक्ति को दर्शाता है जिसे हम यीशु के अनुयायियों के रूप में स्वीकार कर सकते हैं; हमें उसके लिए परीक्षाओं और यहां तक कि खतरे का सामना करने में सक्षम बनाता है l यह पवित्र आत्मा द्वारा प्राप्त भक्ति और हमारे निकटतम लोगों की प्रार्थना है (पद.19) l यह एक प्रतिज्ञा भी है l यहां तक कि जब हम मुश्किल परिस्थितियों में निरंतर सेवा के लिए आत्मसमर्पण करते हैं, तो यह इस ताकीद के साथ है : जब हमारा जीवन और कार्य यहाँ समाप्त होता है, तब भी हमें यीशु के साथ अनंत काल का आनंद मिलता है l
हमारे सबसे कठिन क्षणों में, हृदय जो मसीह के साथ चलने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और हमारी आँखें उसके साथ अनंत काल की प्रतिज्ञा पर टिकी हुयी हैं, हमारे दिन और हमारे कार्य दूसरों को परमेश्वर के प्रेम की आशीष दें l

उसकी उपस्थिति

चिंतित पिता और उसका किशोर पुत्र मनोचिकित्सक के सामने बैठे थे l “मनोचिकित्सक ने पूछा, “आपका बेटा कितना दूर जानेवाला है?” उस व्यक्ति का उत्तर था, “उस बड़े शहर में, और वह बहुत समय तक वहाँ रहेगा l” पिता को एक ताबीज देते हुए, उसने कहा, “यह उसकी हर जगह रक्षा करेगा l”
हालाँकि, मैं ही वह लड़का था, मनोचिकित्सक और उसकी ताबीज मेरे लिए कुछ भी नहीं कर सके l उस शहर में रहते हुए, मैंने यीशु में विश्वास किया l मैंने वह ताबीज फेंककर मसीह में विश्वास कर लिया l मेरे जीवन में मसीह का होना परमेश्वर की उपस्थिति की गारंटी थी l
तीस वर्ष बाद, अब मेरे पिता विश्वासी हैं, मेरे भाई को हॉस्पिटल ले जाते समय उन्होंने मुझसे कहा, आओ पहले प्रार्थना करें; परमेश्वर का आत्मा तुम्हारे साथ जाएगा और सम्पूर्ण मार्ग में तुम्हारे साथ रहेगा!” हमने सीखा है कि परमेश्वर की उपस्थिति और सामर्थ्य ही हमारी सुरक्षा है l
मूसा ने ऐसा ही पाठ सीखा l उसे परमेश्वर ने एक चुनौतीपूर्ण कार्य सौंपा था - लोगों को मिस्र के दासत्व से निकालकर प्रतिज्ञात देश में पहुँचाना (निर्गमन 3:10) l किन्तु परमेश्वर ने उसे आश्वास्त किया, “मैं आप ही तेरे साथ चलूँगा” (पद.12) l
हमारी यात्रा में चुनौतियों का अभाव नहीं है, किन्तु हमें परमेश्वर की उपस्थिति की निश्चयता प्राप्त है l जिस प्रकार यीशु ने अपने शिष्यों से कहा, “देखो मैं जगत के अंत तक सदा तुम्हारे संग हूँ” (मत्ती 28:20 l

जो हम कर सकते हैं

अपने बिस्तर तक सीमित होने के बावजूद, 92 वर्षीय मोरी बुगार्ट मिशिगन के बेघर लोगों के लिए टोपियाँ बनाता था l ख़बरों की माने तो उसने पंद्रह वर्षों में 8,000 से अधिक टोपियाँ बनायीं l अपने स्वास्थ्य या सीमाओं पर केन्द्रित न होकर, श्री बूगर्ट ने खुद के बाहर देखा और अपनी ज़रूरतों के ऊपर ज़रुरतमंदों की ज़रूरतों को महत्त्व दिया l उसने प्रगट किया कि उसका काम उसे अच्छा लगता है और उसे एक उद्देश्य देता है l उसने कहा, “मैं यह काम प्रभु के पास उसके घर जाने तक करूँगा”-जो फरवरी 2018 में हुआ l यद्यपि उसकी बनायी हुयी टोपियाँ प्राप्त करनेवाले उसकी कहानी नहीं जान पाएंगे या हर एक टोपी बनाने के लिए उसने कितना त्याग किया, मोरी के प्रेम को संरक्षित रखने का सरल कार्य संसार के लोगों को प्रेरित कर रहा था l
हम भी अपने संघर्ष के परे देख सकते हैं, दूसरों को अपने आगे रख सकते हैं, और अपने दयालु उद्धारकर्ता, यीशु मसीह का अनुसरण कर सकते हैं (फिलिप्पियों 2:1-5) l देहधारित परमेश्वर - राजाओं का राजा - वास्तविक दीनता में “दास का स्वरुप धारण किया (पद.6-7) l अपने जीवन को देकर - अंतिम बलिदान - उसने क्रूस पर हमारा स्थान लिया (पद.8) l यीशु ने हमारे लिए सब कुछ दे दिया . . . परमेश्वर पिता की महिमा के लिए सब कुछ (पद.9-11) l
यीशु में विश्वासी होने के कारण, दयालुता के कार्यों के द्वारा दूसरों को प्रेम दिखाना और उनकी परवाह करना हमारा सौभाग्य है l यदि हम विचार न भी करें हमारे पास देने के लिए बहुत है, हम सेवक का स्वभाव अपना सकते हैं l हम जो कर सकते हैं उसके द्वारा  क्रियाशीलता से अवसर ढूढ़ कर लोगों के जीवनों में अंतर ला सकते हैं l  

पिता और पुत्र

मेरे पिता एक अच्छे पिता थे, और, अधिकतर सभी बातों में, मैं आज्ञाकारी पुत्र था l किन्तु मैंने अपने पिता को एक बात से वंचित रखा जो मैं दे सकता था यानी अपने आप को l
वे एक शांत व्यक्ति थे; मैं भी बराबर से शांत था l परस्पर बिना बातचीत किये हुए हम अक्सर घंटों तक साथ- साथ काम करते थे l वे कभी नहीं पूछते थे; मैंने उनको अपनी गहरी इच्छाएँ और महत्वकांक्षाएँ, अपनी आशाएं और भय कभी नहीं बताए l
समय रहते हुए मैंने अपनी चुप्पी तोड़ी l शायद मेरे बड़े बेटे के जन्म के बाद मुझे अनुभूति हुयी, या जब, एक-एक करके, मेरे पुत्र इस संसार में खो गए l अब मेरी चाहत है काश मैं अपने पिता के लिए उनके बेटा समान होता l
मैं उन सारी बातों के विषय सोचता हूँ जो मैं उन्हें बता सकता था l और सब बातें जो वह  मुझे बता सकते थे l उन्हें दफनाने के समय मैं उनके शव पेटी के निकट खड़ा होकर, अपनी भावनाओं को समझने में संघर्ष कर रहा था l “अब बहुत देर हो चुकी है, हैं न?” मेरी पत्नी धीमे से बोली l “बिलकुल,” मैंने कहा l
मेरा सुख इस तथ्य में है कि हम स्वर्ग में बातों को ठीक कर लेंगे, क्योंकि क्या वह स्थान नहीं जहां हर एक आँसू पोछा जाएगा? (प्रकाशितवाक्य 21:4) l
यीशु में विश्वासियों के लिए, मृत्यु स्नेह का अंत नहीं है किन्तु अनंत अस्तित्व का आरम्भ जहां कोई भी ग़लतफ़हमी नहीं होगी; सम्बन्ध ठीक हो जाएंगे और प्रेम हमेशा बढ़ता जाएगा l वहाँ पर, पुत्रों का मन माता-पिता की ओर और माता-पिता का मन पुत्रों की ओर फिरेगा (मलाकी 4:6) l

Anger-day-3

क्रोधित प्रार्थना

 

मुर्ख अपने सारे मन की बात खोल देता है, परन्तु बुद्धिमान अपने मन को .... शांत कर देता है l - नीतिवचन 29 : 11

 

सर्दियों में एक दिन पड़ोसी खिडकियों से मुझे देखकर विचारहीन थे l मैं बेलचा पकड़े, क्रोध में चिल्लाते हुए नाले से बर्फ का बड़ा टुकड़ा हटा रहा था l प्रत्येक चोट के साथ,…

Anger-day-2

परमेश्वर को दे दें

 

तब [हिजकिय्याह] यहोवा के भवन में जाकर उसको यहोवा के सामने फैला दिया l - 2 राजा 19:14

 

किशोरावस्था में, बड़ी चुनौतियों अथवा जोखिम भरे बड़े फैसलों से परेशान होने पर, मेरी माँ ने दृष्टिकोण प्राप्त करने हेतु उन्हें लिख लेने के फाएदे सिखाए l किसी ख़ास अध्ययन अथवा कार्य के विषय अनिश्चित होने पर अथवा…

Anger-day-5

TITLE3

 

[तुम] बड़ी करुणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो l कुलुस्सियों 3:12

 

एक आमोद-प्रमोद उद्यान में हम सात जन एक संगीत प्रदर्शन देखने गए l एक ही पंक्ति में बैठने की इच्छा से हम एक दूसरे के साथ बैठना चाहे l किन्तु एक महिला हमारे बीच आ गई l मेरी पत्नी के टोकने पर, उसने…

Anger-day-4

TITLE 1

 

मुक़दमें से हाथ उठाना, पुरुष की महिमा ठहरती है l नीतिवचन 20:3

 

एक दिन पर्थ, ऑस्ट्रेलिया में फिओन मुलहॉलैंड ने देखा कि उसकी कार नहीं थी l उसने जाना कि गलती से उसने निषिद्ध क्षेत्र में कार खड़ी कर दी थी इसलिए वह खींच ली गयी थी l स्थिति की जांच के बाद, अर्थात्, खींचकर ले जाने और…

Anger-day-1

बोलने से पहले विचार करें

 

यहोवा, मेरे मुख पर पहरा बैठा, मेरे होठों के द्वार की रखवाली कर! भजन 141:3

 

चुअंग अपनी पत्नी से नाराज़ हो गया क्योंकि वह उस रेस्टोरेंट का मार्ग भूल गयी थी जिसमें वे भोजन करना चाहते थे l घर लौटने के लिए हवाई जहाज पकड़ने से पूर्व वे परिवार के रूप में अपनी छुट्टियों का…