हमारे घर के ऊपर आसमान में तीन लड़ाकू जेट विमान शोर करते है – तीनों इतने निकट हैं कि एक दिखाई देते हैं l “वाह,” मैं अपने पति, डैन से बोली l वह मुझसे सहमत हुआ, “प्रभावशाली l” हम एक एयर फ़ोर्स बेस के निकट रहते हैं और ऐसे दृश्य सामान्य हैं l
हर समय जेट विमानों के उड़ने पर, हालाँकि, मेरे पास एक ही प्रश्न होता है : कैसे वे इतने निकट उड़ते हुए भी नियंत्रण में रहते हैं? एक स्पष्ट कारण, दीनता है l इस बात पर भरोसा करके कि लीड पायलट सही गति और प्रक्षेपवक्र पर उड़ रहा रहा है, विंग पायलट निर्देशों को बदलने या अपने अगुआ के पथ पर सवाल करने की इच्छा को लीड पायलट की इच्छा के आधीन करते हैं l इसके बदले वे विन्यास में रहकर निकट से अनुसरण करते हैं l परिणाम? एक और शक्तिशाली टीम l
यीशु के अनुयायियों के लिए भिन्न बात नहीं है l वह कहता है, “यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आपे से इन्कार करे और प्रतिदिन अपना क्रूस उठाए हुए मेरे पीछे हो ले” (लूका 9:23) l
उसका मार्ग आत्म-समर्पण और पीड़ा उठाना था, जिसका अनुसरण करना कठिन हो सकता है l किन्तु उसके प्रभावशाली अनुयायी होने के लिए, हमें भी अपनी स्वार्थी इच्छाएँ अलग करने और प्रतिदिन आत्मिक बोझ उठाने के लिए नेवता दिया गया है अर्थात् खुद से अधिक दूसरों की सेवा, जैसे – जब हम निकटता से उसका अनुसरण करते हैं l
यह बहुत अच्छा दृश्य है , दीन होकर, परमेश्वर के साथ चलना है l उसके नेतृत्व में चलना, और निकट रहना, हम यीशु के साथ एक दिखाई दे सकते हैं l तब दूसरे हमें नहीं देख सकेंगे, वे उसे देखेंगे l इस प्रकार के दृश्य के लिए यह सरल शब्द है : “वाह!”
हमारा जीवन एक खिड़की है जिससे लोग यीशु को देख सकते हैं l