कैसर अगस्तुस को रोमी सम्राटों के पहले और महान सम्राट के रूप में याद किया जाता हैl राजनीतिक दक्षता और सैन्य शक्ति के द्वारा उसने अपने शत्रुओं को मार डाला, अपने साम्राज्य को फैलाया और रोम को अपने ठहरे हुए पड़ोसियों के कौलाहल से संगमरमर की मूर्तियों और मन्दिरों के एक नगर में बदल दियाl रोमी नागरिकों के अगस्तुस को मानवजाति के दिव्य पिता और रक्षक के रूप में श्रद्धा रखने के रूप में जाना जाता हैl जब उसके चालीस वर्ष के राज्य का अन्त हुआ, उसके औपचारिक शब्द थे, “मुझे रोम एक मिट्टी के नगर के रूप में मिला, परन्तु मैंने इसे एक संगमरमर का नगर बना दियाl” परन्तु उसकी पत्नी के अनुसार उसके अन्तिम शब्द ये थे, “क्या मैंने सही कार्य किए? तो अब जब मैं जा रहा हूँ, तो तब ही सराहना करनाl”
जो अगस्तुस को पता नहीं था वह बात यह थी कि उसे एक बड़ी कहानी में एक सहयोग की भूमिका अदा करने के लिए दी गई थीl उसके राज्य में रोमी सेना की विजय, मन्दिर, स्टेडियम या महल से एक बड़ी बात को प्रकट करने के लिए एक बढ़ई का पुत्र पैदा हुआ था (लूका 2:1) l
परन्तु उस वैभव को कौन समझ सका जिसके लिए यीशु ने उस रात प्रार्थना की जिस रात उसके देशवासियों ने रोमी हत्यारों द्वारा उसे क्रूस पर चढ़ा देने की माँग की थी? (यूहन्ना 17:4-5)l बलिदान के उस छिपे हुए आश्चर्य को कौन देख सकता था जिसकी सराहना आकाश और पृथ्वी पर सर्वदा की जाएगी?
यह एक कहानी मात्र हैl हमारा परमेश्वर हमें मूर्खता भरे सपनों और अपने आप से झगड़ते हुए पाता हैl वह हमें एक पुरानी क्रूस के बारे में गाते हुए छोड़ कर गया थाl
जिस वैभव की हमें आवश्यकता है, वह क्रूस का वैभव हैl