“वह कौन सी एक चीज़ है जिसे आप नहीं त्याग सकते हैं?” रेडियो पर एक होस्ट ने पूछा। श्रोताओं ने बहुत ही रोचक जवाब दिए। कुछ ने अपने परिवार बताए, पतियों ने अपनी मृत पत्नी की यादों को बताया। कुछ ने बताया कि वे अपने सपनों, जैसे कि संगीत में प्रसिद्ध होना या माँ बनना, को नहीं छोड़ सकते हैं। हम सभी के पास कुछ न कुछ है जिसे हम प्रतिदिन संजोकर रखते हैं-कोई व्यक्ति, कोई उत्साह, कोई सम्पत्ति-कोई न कोई ऐसी बात जिसे हम त्याग नहीं सकते हैं।
होशे की पुस्तक में, परमेश्वर हमें बताता है कि वह अपने चुने हुए लोग, अपने निज भाग, इस्राएल को कभी नहीं त्यागेगा। इस्राएल के प्रेमी पति के रूप में परमेश्वर ने उसे सबकुछ उपलब्ध करवाया जिसकी उसे आवश्यकता थी: भूमि, भोजन, पानी, वस्त्र और सुरक्षा। फिर भी एक व्यभिचारी पत्नी के रूप में इस्राएल ने परमेश्वर को अस्वीकार किया और अपनी खुशी और सुरक्षा कहीं ओर खोजी। जितना परमेश्वर उसके पीछे-पीछे आया, वह उतनी ही भटकती चली गई (होशे 11:2)। परन्तु यद्यपि उसने उसे बुरी तरह से आहत किया था, फिर भी वह उसे कभी नहीं त्यागेगा (पद 8)। उसका छुटकारा करने के लिए वह उसे अनुशासित करेगा; उसकी इच्छा उसके साथ सम्बन्ध को फिर से स्थापित करने की थी (पद 11)।
आज, परमेश्वर की समस्त सन्तान उसी आश्वासन को प्राप्त कर सकती है: हमारे लिए उसका प्रेम ऐसा प्रेम है जो हमें कभी जाने नहीं देगा (रोमियों 8:37-39)। यदि हम भटक कर उससे दूर हो गये हैं, तो वह हमारे वापिस लौटने के लिए इच्छा रखता हैl जब परमेश्वर हमें अनुशासित करता है, तो हमे सांत्वना मिल सकती है कि यह उसके हमारे पीछे-पीछे आने का चिह्न है, न कि उसके त्याग दिए जाने का चिह्न। हम उसके निज भाग हैं; वह हमें कभी नहीं त्यागेगा।
परमेश्वर की एक सन्तान का घर पर हमेशा स्वागत है।