ध्वनि सम्बन्धी खगोल विद्या प्रयोग करने के द्वारा वैज्ञानिक अन्तरिक्ष की ध्वनियों और स्पंदनों की निगरानी कर और उन्हें सुन सकते हैं। उन्होंने पाया है कि रात के रहस्यमय आकाश में सितारे चुपचाप चक्कर नहीं लगाते हैं, अपितु इसके स्थान पर संगीत पैदा करते हैं। जैसे हम्पबैक व्हेल्स ध्वनि उत्पन्न करती हैं, तारों की गूँज तरंग आयाम या आवृति में होती है, जिसे मानवीय कानों के द्वारा सुना नहीं जा सकता है। परन्तु सितारों और व्हेल और अन्य प्राणियों का संगीत एक सिम्फनी की रचना करते हैं, जो परमेश्वर की महानता का ब्यान करती है।      

भजन संहिता 19:1-4 कहता है, “आकाश परमेश्‍वर की महिमा का वर्णन कर रहा है; और आकाशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है। दिन से दिन बातें करता है, और रात को रात ज्ञान सिखाती है। न तो कोई बोली है और न कोई भाषा जहाँ उनका शब्द सुनाई नहीं देता है। उनका स्वर सारी पृथ्वी पर गूँज गया है, और उनके वचन जगत की छोर तक पहुँच गए हैं।”

नया नियम में, प्रेरित पौलुस प्रदर्शित करता है कि यीशु में “सारी वस्तुओं की सृष्‍टि हुई, स्वर्ग की हों अथवा पृथ्वी की, देखी या अनदेखी… सारी वस्तुएँ उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं।” (कुलुस्सियों 1:16)। प्रत्युत्तर में, प्राकृतिक जगत की ऊंचाई और गहराई इसके सृष्टिकर्ता के लिए गाती है। परमेश्वर करे कि हम सृष्टि के साथ मिल जाएँ और उसकी महानता के लिए गाएँ जिसने “बित्ते से आकाश का नाप किया” (यशायाह 40:12)।