जब ऐबी हाई स्कूल की छात्रा थी, उसने और उसकी माँ ने एक हवाई जहाज़ दुर्घटना में बुरी तरह घायल एक व्यक्ति की कहानी सुनी – एक ऐसी दुर्घटना जिसमें उसके पिता और सौतेली माँ की मृत्यु हो गयी थी l यद्यपि वे इस व्यक्ति को नहीं जानते थे, ऐबी की माँ ने कहा, “हमें केवल इस व्यक्ति और इसके परिवार के लिए प्रार्थना करना होगा l और उन्होंने किया l

जल्द ही कुछ वर्ष बीत गए, और एक दिन ऐबी अपने विश्विद्यालय में एक कक्षा में प्रवेश की l एक विद्यार्थी ने उसे बैठने के लिए अपने करीब एक सीट दी l वह विद्यार्थी ऑस्टिन हैच था, हवाई दुर्घटना का शिकार जिसके लिए ऐबी ने प्रार्थना की थी l जल्द ही वे एक दूसरे के साथ मिलने लगे, और 2018 में उनका विवाह हो गया l

ऐबी ने अपने विवाह के तुरंत बाद एक साक्षात्कार में कहा, “यह सोचना पागलपन है कि मैं अपने भावी पति के लिए प्रार्थना कर रही थी l” दूसरों के लिए प्रार्थना करने का समय न निकालकर, अपने व्यक्तिगत ज़रूरतों और अपने निकट के लोगों के लिए अपनी प्रार्थनाओं को सीमित करना सरल है l हालाँकि, पौलुस इफिसुस के मसीहियों को लिखते हुए उनसे कहा कि “हर समय और हर प्रकार से आत्मा में प्रार्थना और विनती करते रहो, और इसी लिए जागते रहो कि सब पवित्र लोगों के लिए लगातार विनती किया करो” (इफिसियों 6:18) l और 1 तीमुथियुस 2:1 हमसे अधिकारियों के साथ-साथ “सब मनुष्यों” के लिए प्रार्थना करने को कहता है l

आइये हम दूसरों के लिए प्रार्थना करें – उनके लिए भी जिनको हम जानते नहीं हैं l यह “एक दूसरे का भार”(गलातियों 6:2) उठाने का एक तरीका है l