डेस्मंड डॉस दूसरे विश्व यूद्ध में एक गैर सैनिक के रूप में भर्ती हुए थे l यद्यपि उनका धार्मिक मत उन्हें बंदूक उठाने से रोकता था, डॉस प्रवीणता से सैनिक डॉक्टर के तौर पर सेवा किए l एक युद्ध में, अत्यधिक और बार-बार दुश्मन की गोलाबारी का सामना करते हुए उन्होंने पचहतर घायल सैनिकों को अपनी इकाई में सुरंक्षित पहुँचाया l उसकी कहानी एक दस्तावेज़ी फिल्म(documentary) द कॉनसेनशियस ऑबजेक्टर(The Conscientious Objector) में बतायी गयी है और फिल्म हैकसॉ रिट्ज (Hacksaw Ridge) में नाटकीकृत की गयी है l

मसीही विश्वास के नायकों की सूची में अब्राहम, मूसा, दाऊद, एलिय्याह, पतरस, और पौलुस जैसे साहसी चरित्र शामिल हैं l फिर भी अरिमतिया का यूसुफ और निकुदेमुस कुछ ऐसे नायकों में हैं जिन्हें प्रशंसा और पहचान नहीं मिली, जिन्होंने मसीह की क्रूसीकृत शव को ले जाकर उसे सम्मानित तौर से मिटटी देने के लिए यहूदी अगुओं के सामने अपने पद को जोखिम में डाला (यूहन्ना 19:40-42) l यह यीशु का भयभीत, गुप्त विश्वासी था और एक अन्य, निकुदेमुस था, जिसने केवल रात में उससे मिलने की साहस किया था (पद.38-39) l इससे अधिक प्रभावशाली यह बात है कि यीशु के विजयी रूप से कब्र से जी उठने से पूर्व उन्होंने अपने विश्वास का कदम उठाया l क्यों?

शायद यीशु की मृत्यु का तरीका और तुरंत होने वाली घटनाओं (मत्ती 27:50-54) ने इन भयभीत अनुयायियों के अनुभवहीन विश्वास को दृढ़ कर दिया था l संभवतः उन्होंने मनुष्य उनके साथ क्या कर सकते थे से अधिक परमेश्वर कौन है पर केन्द्रित होना सीख लिया था l प्रेरणा चाहे कुछ भी रही हो, आज दूसरों के लिए काश हम भी उनके नमूना पर चलनेवाले बनकर अपने परमेश्वर में विश्वास का जोखिम उठाने का साहस प्रगट कर सकें l