जब हमारा कुत्ता रुपर्ट पिल्ला था, वह बाहर जाने से बहुत डरता था और मुझे उसे खींचकर पार्क में ले जाना पड़ता था l एक दिन उसे वहां ले जाने के बाद, मैंने मुर्खता से उसका  पट्टा खोल दिया l वह बहुत तेजी से दौड़कर घर में अपने सुरक्षा के स्थान पर चला गया l

यह अनुभव मुझे एक व्यक्ति के विषय याद दिलाता है जिससे मैं विमान में मिली थी l जब हमें विमान पट्टी पर ले जाया जा रहा था वह मुझसे खेद प्रगट करने लगा l “मैं इस विमान में नशे में चूर होना चाहता हूँ,” उसने कहा l ऐसा महसूस होता है जैसे आप चाहते नहीं हैं,” मैंने जवाब दिया l “मैं नहीं चाहता हूँ,” उसने कहा, “परन्तु मैं बार-बार शराब की ओर लौटता हूँ l” उसने शराब पी ली, और सबसे दुखद भाग उसके विमान से उतरने पर उसकी पत्नी का उसे गले लगाना था, उसकी साँसे सूंघना थी, और उसके बाद उसे दूर धकेलना था l शराब पीना उसकी सुरक्षा का स्थान था, परन्तु वह बिलकुल सुरक्षित स्थान नहीं था l

यीशु ने अपना मिशन इन शब्दों से आरम्भ किया, “परमेश्वर का राज्य निकट आ गया है; मन फिराओ और सुसमाचार पर विश्वास करो” (मरकुस 1:15) l “मन फिराओ” का अर्थ है विपरीत दिशा में मुड़ना l “परमेश्वर का राज्य” हमारे जीवनों पर उसका प्रेमी शासन है l उन स्थानों पर भागना जो हमें जाल में फंसा सकते हैं, या भय और लत के अधीन होने के बदले, यीशु कहते हैं कि परमेश्वर स्वयं हम पर शासन कर सकता है, जो प्रेम से नए जीवन और स्वतंत्रता में हमारी अगुवाई करता है l

आज रुपर्ट आनंद के साथ भौंकते हुए दौड़कर पार्क में जाता है l विमान पर उस व्यक्ति के लिए मेरी प्रार्थना है कि वह सुरक्षा के अपने गलत स्थान को छोड़कर वही आनंद और स्वतंत्रता प्राप्त कर सके l