जब पहली बार एक चमगादड़ हमारे घर में घुसा हमने उसे परजीवी कीड़े की तरह सरलता से हटा दिया l परन्तु दूसरी बार रात के समय उसके अन्दर आने के बाद, मैंने इन छोटे प्राणियों के विषय थोड़ी जानकारी प्राप्त की और पता चला कि मनुष्य से मुलाकात के लिए उन्हें बहुत छोटा सा सुराख़ चाहिए l वास्तव में, यदि उनको सिक्के के किनारे के बराबर भी जगह मिल जाती है वे अन्दर घुस आते हैं l

इसलिए मैंने अपनी बन्दुक भरी और लक्ष्य की ओर चल पड़ा l मैं घर में चारों ओर गया और छोटे से छोटा सुराख़ भी बंद कर दिया l

श्रेष्ठगीत 2:15 में, सुलैमान एक और कष्टकर स्तनधारी जीव के विषय बताता है l वह “छोटी लोमड़ियों” के खतरे के विषय लिखता है जो “दाख की बारियों को बिगाड़ती हैं l” प्रतीकात्मक रूप से, वह उन खतरों के विषय बोल रहा है जो किसी सम्बन्ध के बीच आकर उसे बर्बाद कर सकती हैं l अब मुझे चमगादड़-प्रेमियों या लोमड़ी-प्रेमियों को ठेस पहुँचाने का इरादा नहीं है परन्तु चमगादड़ों को घर के बाहर और लोमड़ियों को दाख की बारी से बाहर रखना अपने जीवनों से पाप को दूर रखना है (इफिसियों 5:3) l परमेश्वर के अनुग्रह से पवित्र आत्मा हमारे अन्दर काम करता है इसलिए कि हम “शरीर के अनुसार नहीं वरन् आत्मा के अनुसार” चलें (रोमियों 8:4) l आत्मा की सामर्थ्य से हम पाप की परीक्षा का सामना कर सकते हैं l

परमेश्वर की स्तुति हो कि, मसीह में, अब हम “प्रभु में ज्योति” हैं और इस प्रकार प्रभु को “भानेवाला” जीवन जी सकते हैं (इफिसियों 5:8-10) l आत्मा उन छोटी लोमड़ियों को पकड़ने में हमारी मदद करता है l