एक युवा लेखक के रूप में जब मैं लेखन कार्यशाला में होता था अक्सर अपने विषय अनिश्चित होता था l मैं अपने चारोंओर देखता था और कमरों को असाधारण व्यक्तियों से भरा हुआ पाता था, यदि आप वास्तव में देखेंगे – औपचारिक प्रशिक्षण या वर्षों के अनुभव के साथ l मेरे पास इनमें से कोई भी नहीं था l परन्तु मेरे पास सुनने के कान थे जो बाइबल के किंग जेम्स अनुवाद(King James Version) की भाषा और उच्चारण और आवाज़ के उतार-चढ़ाव द्वारा साकार स्वरुप में आकार प्राप्त थे l एक प्रकार से, जो मैं करता था, यह ही मेरी अधिक हथियारबंदी थी, और उसके द्वारा मेरी लेखन शैली और आवाज़ मेरे लिए और मेरी आशा है कि दूसरों का आनंद बन गया है l 

हमें यह चिन्ह दिखायी नहीं देता है कि जब गोलियात से लड़ने के लिए शाऊल का हथियार धारण करने की बात आयी तो वह युवा चरवाहा दाऊद अपने विषय अनिश्चित था (1 शमूएल 17:38-39) l वह उसे पहनकर बिलकुल चल नहीं पा रहा था l दाऊद ने समझ लिया कि एक व्यक्ति का कवच दूसरे के लिए कैदखाना बन सकता है – “इन्हें पहिने हुए मुझ से चला नहीं जाता” (पद.39) l इसलिए उसे उसपर भरोसा था जो वह जानता था l परमेश्वर ने उसे उस क्षण के लिए तैयार किया था जिसकी ज़रूरत थी (पद.34-35) l दाऊद अपनी हथियारबंदी के रूप में, गोफन और पत्थर से परिचित था, और परमेश्वर ने उस दिन इस्राएल के योद्धाओं को हर्ष दिलाने के लिए उन्हीं का उपयोग किया l

क्या आपने कभी अपने विषय अनिश्चित महसूस किया है, सोचते हुए कि यदि मेरे पास वह होता जो किसी और के पास है, तब मेरा जीवन भिन्न होता? उन वरदानों और अनुभवों पर विचार करें जो परमेश्वर ने ख़ास तौर पर आपको दिया है l परमेश्वर द्वारा आपको दी गयी हथियारबंदी पर भरोसा करें l