प्रथम विश्व युद्ध के समापन के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन को पृथ्वी पर सबसे शक्तिशाली नेताओं में से एक के रूप में मान्य्ता दी गयी थी l परन्तु कम ही लोग जानते थे कि 1919 में विनाशकारी हृदयाघात के बाद, यह उनकी पत्नी ही थी जिन्होनें उनके सभी मामलों को प्रबंधित किया, यह निर्धारित करते हुए कि किन मामलों को उनके ध्यान में लाया जाना चाहिए l वास्तव में आधुनिक इतिहासकारों का मानना है कि थोड़े समय के लिए, यह वास्तव में इडिथ विल्सन ही थी जिन्होनें संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में सेवा की थी l

यदि आरंभिक कलीसिया के अगुओं के नाम पूछें जाएँ, तो हममें से अधिकाँश पतरस, पौलुस, और तीमुथियुस को मुट्ठीभर व्यक्तियों के रूप सूचीबद्ध करते हैं जिनके पास प्रलेखित वरदान थे l परन्तु रोमियों 16 में, पौलुस ने विभिन्न पृष्ठभूमि के लगभग चालीस व्यक्तियों को सूचीबद्ध किया है – पुरुष, महिलाएँ, दास, यहूदी, और गैरयहूदी – जिनमें से सभी ने विविध तरीके से कलीसिया के जीवन में योगदान दिया l

और कलीसिया के दूसरे दर्जे के सदस्यों पर विचार करने से दूर, यह स्पष्ट है कि पौलुस ने इन लोगों को सबसे अधिक सम्मान दिया l वह उन्हें प्रेरितों के मध्य उत्कृष्ट बताता है (पद.7) – लोग जिनको यीशु की सेवा करने के लिए सराहा जाना था l

हममें से कई लोग अनुभव करते हैं कि हम कलीसिया में अगुआ बनने के लिए बहुत सामान्य हैं l परन्तु सच्चाई यह है कि हममें से प्रयेक के पास वरदान हैं जिनका उपयोग दूसरों की सेवा और सहायता के लिए किये जा सकते हैं l परमेश्वर की ताकत में, हम अपने वरदानों को उसके आदर के लिए उपयोग करें!