दीज़ आर द जेनेरेशंस (These Are the Generations) पुस्तक में, मिस्टर बे परमेश्वर की विश्वासयोग्यता और सुसमाचार के सामर्थ्य का वर्णन करते हैं जो अंधकार में प्रवेश कर सकता है l उनके दादा, माता-पिता, और उनके अपने परिवार को मसीह में अपने विश्वास को साझा करने के कारण सताया गया l परन्तु मिस्टर बे के साथ एक रुचिकर घटना हुयी जब एक मित्र को परमेश्वर के विषय बताने के कारण उन्हें जेल में डाला गया : उसका विश्वास बढ़ गया l यही बात उनके माता पिता के लिए भी सच थी जब उन्हें एक बंदी शिविर में भेज दिया गया था – उन्होंने वहाँ भी लगातार मसीह का प्रेम साझा किया l मिस्टर बे ने युहन्ना 1:5 की प्रतिज्ञा को सच पाया : “ज्योति अंधकार में चमकती है, और अन्धकार ने उसे ग्रहण न किया l”

अपनी गिरफ्तारी और क्रूसीकरण से पहले, यीशु ने अपने शिष्यों को उनके सामने आनेवाली मुसीबत के विषय चेतावनी दी l वे लोगों द्वारा त्यागा जाने वाला था जो “ऐसा . . . इसलिए करेंगे कि उन्होंने न पिता को जाना है और न मुझे जानते हैं” (16:3) परन्तु उन्होंने तस्सली के शब्द कहे : “संसार में तुम्हें क्लेश होता है, परन्तु ढाढ़स बांधो, मैं ने संसार को जीत लिया  है” (पद.33) l

जबकि यीशु के कई विश्वासियों ने मिस्टर बे के परिवार की तरह उनके स्तर तक के सताव का अनुभव नहीं किया है, हम मुसीबत का सामना करने की अपेक्षा कर सकते हैं l परन्तु हमें निराश या आक्रोशित नहीं होना चाहिए l हमारे पास एक सहायक है – पवित्र आत्मा जिसे यीशु ने भेजने का वादा किया था l हम मार्गदर्शन और तसल्ली के लिए उसकी ओर मुड़ सकते हैं (पद.7) l परमेश्वर की उपस्थिति की सामर्थ्य हमें अंधकारमय समय में दृढ़ता से थामे रहेगा l