यह सातवें कक्षा का पहली क्रॉस-कंट्री(छोटी) प्रतियोगिता थी, लेकिन वह दौड़ना नहीं चाहती थी l यद्यपि वह इस आयोजन की तैयारी में लगी हुयी थी, वह ख़राब प्रदर्शन से डरती थी l फिर भी, उसने बाकी सभी के साथ दौड़ आरम्भ की l बाद में, एक के बाद दूसरे धावकों ने दो मील की दौड़ पूरी करके समापन रेखा पार की – अनिच्छुक धावक को छोड़कर सभी l अंत में, उसकी माँ, जो अपनी बेटी को दौड़ पूरी करते हुए देख रही थी, ने दूर एक अकेला व्यक्ति को देखी l माँ उस परेशान प्रतियोगी को ढाढ़स देने उस समापन रेखा तक गयी l इसके बदले, जब वह युवा धाविका ने अपनी माँ को देखा, वह पुकार उठी, “यह तो अद्भुत था!”
अंत में समाप्त करने के विषय क्या अद्भुत हो सकता है? समाप्त करना!
लड़की कुछ कठिन कोशिश करके उसे पूरा किया था! पवित्र वचन कड़ी मेहनत और परिश्रम का सम्मान करता है, एक अवधारणा जो अक्सर खेल या संगीत या अन्य चीजों के माध्यम से सीखी जाती है जिन्हें दृढ़ता और प्रयास की आवश्यकता होती है l
नीतिवचन 12:24 कहता है, “कामकाजी लोग प्रभुता करते हैं, परन्तु आलसी बेगार में पकड़े जाते हैं l” ये बुद्धि के सिद्धांत – प्रतिज्ञाएँ नहीं – अच्छी प्रकार परमेश्वर की सेवा करने में सहायता कर सकते हैं l
हमारे लिए परमेश्वर की योजना में कार्य हमेशा शामिल था l पतन से पहले भी, आदम को [वाटिका में] “काम” करना था और “उसकी रक्षा” करनी थी (उत्पत्ति 2:15) l और हमारे द्वारा किया गया कोई भी प्रयास “तन मन से” होना चाहिए (कुलुस्सियों 3:23) l आइये हम उसके द्वारा दी गयी शक्ति में कार्य करें – और परिणाम उसपर छोड़ दें l
स्वर्गिक पिता, जो कुछ भी है आपने ही मुझे आज करने के लिए कहा है – इसे करने में मदद कर l मुझे आलस्य से बचाएँ और मुझे जानने के लिए बुद्धि दें कि आपकी सेवा सर्वश्रेष्ठ तरीके से कैसे की जा सकती है l